'बिना संशोधन के पूरे देश में एक साथ चुनाव करना संभव नहीं' : चुनाव आयोग
By: Priyanka Maheshwari Tue, 14 Aug 2018 4:05:55
चुनाव में होने वाले खर्च पर अंकुश लगाने के लिए देश में एक साथ चुनाव कराने का भाजपा ने समर्थन किया है। सूत्रों से मिली जानकारी से इस बात का पता चला है कि अगले साल देश के 11 राज्यों में एक साथ चुनाव कराए जा सकते हैं। इसके लिए अभी से ही तैयारियां भी शुरू कर दी गई हैं। जहां एक तरफ भाजपा एक देश एक चुनाव को सफल बनाने की कोशिश में लगी है वहीं चुनाव आयोग की तरफ से इसे असंभव करार दिया गया है। मुख्य चुनाव आयुकत ओपी रावत ने कहा है कि ये वर्तमान परिदृश्य में संभव नहीं है। चुनाव आयुक्त ने कहा कि देश में पहले चार चुनाव एक साथ ही थे। अगर कानून में संशोधन हो, मशीनें पर्याप्त हों और सुरक्षाकर्मी जरूरत के हिसाब से हों, तो ऐसा संभव है। उन्होंने साफ कहा कि बिना कानून मेंं संशोधन किए ऐसा संभव नहीं हो पाएगा। ओपी रावत ने बताया कि एक साथ चुनाव को लेकर चुनाव आयोग 2015 में ही व्यापक सुझाव दे चुका है। चुनाव आयोग बता चुका है कि इसके लिए संविधान और जनप्रतिनिधित्व कानून में कौन-कौन से संशोधन कराने होंगे। ओपी रावत ने कहा कि इन संशोधनों के बाद अन्य जरूरतों में पर्याप्त वोटिंग मशीन (वीवीपैट), अधिक सुरक्षाकर्मियों जैसी जरूरतों से भी अवगत करा दिया गया था।
बता दें कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने इस मुद्दे पर विधि आयोग को पत्र लिखकर मामले को गरमा दिया है। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि अगर चुनाव चरणबद्ध तरीके से कराया जाए तो ही कई राज्यों के चुनाव आम चुनावों के साथ संभव हैं। ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि केंद्र सरकार अगले साल लोकसभा चुनावों के साथ 10-11 राज्यों के विधानसभा चुनाव भी कराने के प्रयास कर रही है।
#WATCH: Chief Election Commissioner, OP Rawat, says, "simultaneous polls aren't possible without amendments in law. But if polls are to be held in installments, like in 11 states at once, possibilities are there if all respective houses agree to dissolve & conduct polls together" pic.twitter.com/d5JU5oHCuO
— ANI (@ANI) August 14, 2018