बूंद-बूंद पानी को तरस रही है चेन्नई, सूखी पड़ी हैं नदियां, भटक रहे हैं लोग
By: Pinki Thu, 20 June 2019 09:34:59
तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में लोग पानी की एक-एक बूंद के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं। हालत यह है कि जहां एक ओर आईटी कंपनियों को अपने कर्मचारियों को घर से काम करने के लिए कहना पड़ा है, वहीं ग्रामीण इलाकों में टोकन देकर पानी बांटा जा रहा है। पीने के पानी के लिए लोग भोर में उठकर पहले टोकन ले रहे हैं और फिर लंबी-लंबी कतारों में लगकर पानी भरने को मजबूर हो रहे हैं। पानी की किल्लत इतनी है कि स्कूलों का टाइम भी कम कर दिया गया है और प्ले स्कूल बंद कर दिए हैं। ईस्ट तंबरम के क्राइस्ट किंग हायर सेकंडरी स्कूल में 2600 से ज्यादा स्टूडेंट पढ़ते हैं। स्कूल ने छठी क्लास से लेकर आठवीं तक के बच्चों को दो दिन का ब्रेक दिया है। स्कूल परिसर में स्थित छह बोरवेल सूख गए हैं। स्कूल की जरूरतों को पूरी करने के लिए रोजाना दो टैंकरों के जरिए 24 हजार लीटर पानी मुहैया कराया जाता है।
क्रोमपेट इलाके में स्थित निजी स्कूल आरकेडी फोमरा विवेकानंद विद्यालय की ओर से छात्रों के अभिभावकों को मोबाइल पर मेसेज भेजकर जानकारी दी गई है कि स्कूल में हाफ डे रहेगा। टेक्स्ट मेसेज में लिखा है, 'पानी की किल्लत की वजह से 24 जून से स्कूल की सभी क्लासेज सुबह 8 बजे से दिन में 12.15 बजे तक चलेंगी।' स्कूल प्रिंसिपल इंद्रा शंकर ने इस पर प्रतिक्रिया देने से इनकार करते हुए कहा, 'यह टॉप मैनेजमेंट का फैसला है।'
बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रही हैं जिंदगियां
बता दें कि चेन्नई कई सालों से पानी की कमी से जूझ रहा है, लेकिन पिछले कुछ सालों से हालात और ज्यादा गंभीर हो गए हैं। राज्य के कई जल स्त्रोत और नदियां सूखी पड़ी है और जिंदगियां बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रही हैं।
वहीं गंभीर जल संकट के बीच राज्य सरकार ने कहा है कि वह अक्टूबर में उत्तर पूर्व मानसून के आने तक अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए मुख्यत: भूजल पर निर्भर है। मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी ने कहा कि सूखे और मानसून की कम बारिश से भूजल स्तर में गिरावट हुई है। उन्होंने दावा किया कि यह मुद्दा उतना बड़ा नहीं है जितना उसे विशेष रूप से मीडिया में बनाया जा रहा है।
जरूरतों को भूजल स्रोतों से पूरा करना होगा- सीएम पलानीस्वामी
जयललिता स्मारक के निर्माण कार्य की प्रगति की समीक्षा के बाद उन्होंने मीडिया से अनुरोध किया कि कुछ रिपोर्ट के आधार पर जल संकट पर ‘‘भ्रम’’ पैदा नहीं किया जाए। उन्होंने कहा, ‘‘(उत्तरपूर्व) मानसून अक्टूबर-नवंबर में आएगा। तब तक हमें अपनी जरूरतों को भूजल स्रोतों से पूरा करना होगा।’’ उत्तरपूर्व मानसून तमिलनाडु विशेषकर गंभीर जल संकट से जूझ रहे चेन्नई में बारिश कराता है।