बजट 2018 : इनकम टैक्स दरों में कोई बदलाव नहीं, लेकिन ये बदलाव आपके रोजमर्रा लाइफस्टाइल पर डाल सकतें है असर
By: Priyanka Maheshwari Thu, 01 Feb 2018 2:48:39
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आम बजट 2018-19 में व्यक्तिगत आयकर में कोई बदलाव नहीं किया है। छूट की सीमा पहले की तरह 2.5 लाख रुपए रखा है जिससे मिडिल क्लास को कोई फायदा नहीं मिलेगा। आमदनी में से 40 हजार रुपये घटाकर लगेगा टैक्स। यानि जितनी आमदनी है उसमें 40 हजार घटाकर टैक्स लगेगा। 40 हजार रुपये तक स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलेगा। नौकरी पेशा को कोई छूट नहीं मिलेगी। डिपॉजिट पर मिलने वाली छूट 10 हजार से बढ़ाकर 50 हजार हुई। सीनियर सिटीजन को राहत दी गई है।
लेकिन कुछ ऐसे बदलाव किए गए जोकि आपके रोजमर्रा लाइफस्टाइल में असर डाल सकता है।
- इनकम टैक्स के दरों में कोई भी बदलाव नहीं
- नौकरीपेशा को टैक्स में कोई छूट नहीं
- वरिष्ठ नागरिकों को 50 हजार तक के ब्याज पर कोई टैक्स नहीं, कुछ खास बीमारियों में बुजुर्गों की छूट बढ़ी
- मेडीक्लेम पर 50 हजार तक की छूट
- स्टैंडर्ड डिडेक्शन 40,000 रुपए किया
- मेडिकल खर्च पर छूट 15 हजार से बढ़ाकर 40 हजार रुपए किया
- कॉर्पोरेट टैक्स में कंपनियों को भारी छूट
- एक लाख तक लॉन्ग टर्म कैपिटल पर 10 लाख की छूट
- टैक्स देने वालों की संख्या 19.25 लाख बढ़ी, 90 हजार करोड़ ज्यादा कलेक्शन
- 250 करोड़ टर्नओवर वाली कंपियों को राहत, देना होगा सिर्फ 25% टैक्स
- इस साल डायरेक्ट टैक्स 12.6 प्रतिशत बढ़ा
- काले धन के खिलाफ मुहिम से डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन बढ़ा
- शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स पर लगता है 15 पर्सेंट टैक्स और लॉन्ग टर्म पर होगा 10 पर्सेंट टैक्स
- मोबाइल फोन्स पर कस्टम ड्यूटी को 15 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी करने का प्रस्ताव
- 1 लाख रुपये से अधिक के लॉन्ग टर्म कैपिटन गेन्स पर देना होगा 10 पर्सेंट का टैक्स
- ईपीएफ में नए कर्मचारियों का 12% सरकार देगी, अब तक 8.33% सरकार देती रही है
- 2 बीमा कंपनियों सहित 14 सरकारी कंपनियां शेयर बाजार से जुड़ेंगी
- स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों का बजट 2018-19 के लिए बढ़ाकर 1.38 करोड़ रुपये किया गया जो 2017-18 में 1.22 लाख करोड़ रुपये था
- 4 लाख रुपये तक कमाने वालों को स्टैंडर्ड डिडक्शन से होगा करीब 2,100 रुपये का फायदा
- सभी सरकारी प्रमाण पत्र अब ऑनलाइन होंगे उपलब्ध
- 70 लाख नए रोजगार देने का सरकार का लक्ष्य
- मुद्रा योजना के तहत तीन लाख करोड़ रुपये ऋण देने का लक्ष्य