बजट 2018 : 11 लाख करोड़ रुपये का कृषि कर्ज देने का प्रस्ताव

By: Priyanka Maheshwari Thu, 01 Feb 2018 11:47:19

बजट 2018 : 11 लाख करोड़ रुपये का कृषि कर्ज देने का प्रस्ताव

केंद्र सरकार के चौथे और आखिरी पूर्ण बजट पर पूरे देश की निगाहें आज लगी रहेंगी। जीएसटी लागू होने के बाद पेश हो रहे इस पहले आम बजट से आम जनता की ढेरों उम्मीदें जुड़ी हुई हैं। चाहे किसान हो या फिर सैलरी क्लास, कामकाजी महिला हो अथवा गृहणी, युवा वर्ग हो या फिर सीनियर सिटीजंस, स्टार्टअप हो या फिर बड़ी कॉर्पोरेट कंपनियां, रियल इस्टेट सेक्टर से लेकर हर किसी के मन में बजट को लेकर के उत्सुक्ता रहेगी।

वही वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2018-19 का आम बजट पेश करते हुए कहा कि सरकार ने पॉलिसी पैरालिसिस को बदल डाला है और बुनियादी संरचनात्‍मक सुधार किए हैं। उन्‍होंने कहा कि सरकार का लक्ष्‍य लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी में सरकारी दखल को कम से कम करने पर है। किसानों की चर्चा करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि इस साल सरकार का ध्‍यान खेती को मजबूत करने पर रहेगा। साथ ही वित्त मंत्री ने गरीबों-मध्‍यवर्ग को होम लोन में राहत देने और किसानों को लागत से 50 फीसदी ज्‍यादा मूल्‍य देने की घोषणा की है।

वित्त मंत्री अरुण जेटली के बजट भाषण की खास बातें...


- 2022 तक देश के हर गरीब के पास अपना घर होगा, 51 लाख नए घर बनाए जा रहे हैं।
- कृषि उत्पादों के निर्यात की व्यवस्था उदार बनाएगी सरकार, संभावना 100 अरब डॉलर की
- किसान क्रेडिट कार्ड का फायदा पशुपालकों और मत्स्य पालकों को देगी सरकार। सरकार 42 मेगा फूडपार्क में अत्याधुनिक सुविधाएं देगी.
- खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र 8 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है। खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय के आवंटन दोगुना कर 1,400 करोड़ रुपये
- दिल्ली, एनसीआर में वायु प्रदूषण चिंताजनक
- पशुपालन एवं मत्स्यपालन क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 10,000 करोड़ रुपये के दो नए कोष बनाएगी सरकार
- 8 करोड़ ग़रीब महिलाओं को मुफ़्त गैस कनेक्शन
- 4 करोड़ घरों में सौभाग्या योजना के तहत बिजली दी
- सभी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलेगा। समर्थन मूल्य को 1.5 गुना बढ़ाने का ऐलान
- 11 लाख करोड़ रुपये का कृषि कर्ज देने का प्रस्ताव
- अगले वित्त वर्ष में दो करोड़ शौचालय बनाने का लक्ष्य
- 1290 करोड़ रुपये से राष्ट्रीय बांस मिशन का प्रस्ताव
- 1200 करोड़ रुपये हेल्थ सेक्टर के लिए रखे जाएंगे। इलाज न मिलने की वजह से किसी की जान नहीं जायेगी।
- जेटली ने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण से निपटने के लिए स्कीम लाई गयी। पराली से होने वाले धुंए से निपटने के लिए स्कीम बनायी गयी।

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