25 साल की उम्र में सुषमा स्वराज ने लड़ा था पहला चुनाव, बनी थी देश की सबसे युवा विधायक
By: Pinki Tue, 06 Aug 2019 11:42:14
पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का 67 साल की उम्र में निधन हो गया है। उन्हें सीने में दर्द की शिकायत के बाद एम्स में भर्ती किया गया था। जहां पांच डॉक्टरों की टीम उनके इलाज के लिए लगाई गई थी। सुषमा स्वराज काफी दिनों से बीमार चल रही थीं। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन एम्स पहुंच चुके हैं। कुछ ही देर में नितिन गडकरी भी एम्स पहुंचेंगे।
अब से तीन घंटे पहले ही उन्होंने अपना आखिरी ट्वीट किया था जिसमें उन्होंने अनुच्छेद 370 पर कहा था कि प्रधानमंत्री जी आपका हार्दिक अभिनंदन, मैं अपने जीवन में इस दिन को देखने की प्रतीक्षा कर रही थी।
पहला चुनाव 1977 में लड़ा था
सुषमा ने सबसे पहला चुनाव 1977 में लड़ा। तब वे 25 साल की थीं। वे हरियाणा की अंबाला सीट से चुनाव जीतकर देश की सबसे युवा विधायक बनीं। उन्हें हरियाणा की देवीलाल सरकार में मंत्री भी बनाया गया। इस तरह वे किसी राज्य की सबसे युवा मंत्री रहीं।
प्रधान मंत्री जी - आपका हार्दिक अभिनन्दन. मैं अपने जीवन में इस दिन को देखने की प्रतीक्षा कर रही थी. @narendramodi ji - Thank you Prime Minister. Thank you very much. I was waiting to see this day in my lifetime.
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) August 6, 2019
1998 में दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं
नब्बे के दशक में सुषमा राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय हो गईं। अटलजी की सरकार में उन्हें मंत्री बनाया गया। 1998 में उन्होंने अटलजी की कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया और दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं। हालांकि, इसके बाद हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा हार गई। पार्टी की हार के बाद सुषमा ने विधानसभा की सदस्यता छोड़ दी और राष्ट्रीय राजनीति में लौट आईं।
1999 में बेल्लारी लोकसभा सीट पर सोनिया से हारीं
1996 में हुए लोकसभा चुनाव में सुषमा दक्षिण दिल्ली से सांसद बनी थीं। इसके बाद 13 दिन की अटलजी की सरकार में उन्हें केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री बनाया गया। मार्च 1998 में दूसरी बार अटलजी की सरकार बनने पर वे एक फिर से आईबी मिनिस्टरबनीं। 1999 में उन्होंने बेल्लारी लोकसभा सीट पर सोनिया के खिलाफ चुनाव लड़ा, लेकिन वे यहां हार गईं।
2014 से 2019 तक विदेश मंत्री रहीं
सुषमा 2009 और 2014 में विदिशा से लोकसभा चुनाव जीतीं। 2014 से 2019 तक वे विदेश मंत्री रहीं और दुनियाभर में भारतीयों को उन्होंने एक ट्वीट पर मदद मुहैया कराई। उन्होंने स्वास्थ्य कारणों के चलते 2019 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया था। भाजपा की जीत के बाद मन जा रहा था कि वे दोबारा विदेश मंत्री बनेंगी, लेकिन उन्होंने खराब सेहत के चलते मंत्री पद नहीं लिया।