बीजेपी सांसद सावित्री फुले के बगावती तेवर, दलितों के घर नेताओं के भोज पर उठाए सवाल
By: Priyanka Maheshwari Fri, 04 May 2018 08:49:57
उत्तर प्रदेश की बहराइच लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद सावित्री बाई फुले के बागी तेवर में कोई नरमी नहीं आई है। गुरुवार को बहराइच के नानपारा स्थित अपने आवास पर पत्रकारों से वार्ता करते वक़्त उन्होंने उन्होंने कहा कि दलितों के घर जाकर पार्टी नेताओं के भोज करने की जो परंपरा चल रही है, उसमें दलित वर्ग का सिर्फ अपमान हो रहा है। नेता दलित के घर खाना खाने जाते हैं लेकिन खाना बनाने वाला कोई और होता है, परोसने वाला कोई और...। बर्तन टेंट हाउस के होते हैं। उन्होंने नेताओं की इस कवायद को राजनीति चमकाने वाला करार देते हुए कहा कि बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर ने कभी किसी से भेदभाव नहीं किया। देशवासियों को जातिवाद के चश्में से नहीं देखा लेकिन अब अनुसूचित जाति के लोगों को अपमानित करने का दौर चल रहा है।
उन्होंने भाजपा के किसी नेता का नाम लिए बिना कहा कि अनुसूचित जाति के युवाओं को नौकरी नहीं मिल पा रही। सरकार को इस मसले पर सोचना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं सांसद हूं लेकिन मुझे अनुसूचित जाति का सांसद कहा जाता है। भारत के राष्ट्रपति को देश का राष्ट्रपति नहीं बल्कि अनुसूचित जाति का राष्ट्रपति कह कर मजाक उड़ाया जाता है। सावित्री फुले यहीं नहीं रुकीं। उन्होंने सोशल मीडिया पर दलितों के साथ खाने की तस्वीरें शेयर करने पर भी हमला बोला। सावित्री ने कहा, 'दलित के यहां रुककर उसको फेसबुक और सोशल मीडिया पर दिखाना दलितों का बड़ा अपमान है। दलित के घर खाना खाने सब जा रहे हैं लेकिन दलितों के हक की बात कोई नहीं करता। '
इसके बाद आंबेडकर की प्रतिमाओं पर बढ़ते हमले की घटनाओं पर सावित्री बाई फुले ने कहा, 'मैं पूछना चाहती हूं कि जो मूर्तियां तोड़ी जा रही हैं, उन कार्रवाई क्यों नहीं हो रही? एससी, एसटी और पिछड़ी जातियों की रिक्तियां नहीं भरी जा रही हैं। कहा जा रहा है कि हम संविधान बदलने आए हैं। कभी कहते हैं कि समीक्षा की जाएगी और आरक्षण खत्म करेंगे।'