'वैश्य समाज से थे भगवान राम और हनुमान' : बीजेपी नेता

By: Pinki Thu, 03 Jan 2019 8:31:06

'वैश्य समाज से थे भगवान राम और हनुमान' : बीजेपी नेता

उत्तर प्रदेश भाजपा के फायर ब्रांड नेता एवं भाजपा व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक विनीत अग्रवाल शारदा ने कहा कि 'हनुमान के साथ भगवान श्रीराम भी वैश्य समाज से है।' भाजपा नेता ने कहा कि वैश्य भगवान श्रीराम के वंशज हैं। अग्रवाल ने कहा कि हनुमान को भगवान राम का दत्तक पुत्र माना जाता है जिसका साफ अर्थ है कि भगवान राम भी वैश्य थे।

भाजपा नेता इस सवाल को टाल गए कि बीते दिनों प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हनुमान को दलित बताया था और बाद में इस बयान पर सफाई भी दी थी। इस बयान के बाद प्रदेश भाजपा के एमएलसी बुक्कल नवाब हनुमान को मुसलमान और प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी जाट बता चुके हैं। विनीत अग्रवाल शारदा का यह भी दावा है कि अयोध्या में राम मंदिर का कामकाज जारी है और जल्द ही भगवान तंबू से निकलकर अपने भव्य मंदिर में रहने जाएंगे। इससे पहले उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री और पूर्व क्रिकेटर चेतन चौहान का हनुमान पर बयान आया था, हालांकि उन्होंने उनकी जाति नहीं बताई है। चौहान ने कहा, 'भगवान की कोई जाति नहीं होती। मैं उनको जाति में नहीं बांधना चाहता।' उन्होंने हनुमान को खिलाड़ी बताया था।

योगी सरकार में मंत्री चेतन चौहान ने कहा था, 'हनुमान जी कुश्ती लड़ते थे, खिलाड़ी भी थे, जितने भी पहलवान लोग हैं, उनकी पूजा करते हैं, मैं उनको वही मानता हूं, हमारे ईष्ट हैं, भगवान की कोई जाति नहीं होता। मैं उनको जाति में नहीं बांधना चाहता।' मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा दलित बताए जाने के बाद हनुमान की जाति को लेकर शुरू हुआ सिलसिला लगातार जारी रहा। भाजपा के ही एमएलसी बुक्कल नवाब ने कहा था कि हमारा मानना है कि भगवान हनुमान मुसलमान थे। उनके अलावा यूपी सरकार में मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण का कहना है कि उन्हें लगता है कि हनुमान जी जाट थे क्योंकि उनका स्वभाव इस समुदाय से मिलता है। वहीं केंद्रीय मंत्री सत्यपाल सिंह ने कहा था कि हनुमान जी आर्य थे, उस समय कोई और जाति नहीं थी, हनुमान जी आर्य जाति के महापुरुष थे। भगवान राम और हनुमान जी के युग में इस देश में कोई जाति व्यवस्था नहीं थी, कोई दलित,वंचित, शोषित नहीं था। वाल्मीकि रामायण और रामचरितमानस को अगर आप अगर पढ़ेंगे तो आपको मालूम चलेगा कि उस समय कोई जाति व्यवस्था नहीं थी।

राजस्थान में विधानसभा चुनावों के दौरान यूपी के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने हनुमान को दलित बताया था। इसके बाद राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष नंद कुमार साय ने हनुमान को आदिवासी होने का दावा किया।

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