बिहार के पूर्व CM जगन्नाथ मिश्रा के सम्मान में दी जा रही थी 21 बंदूकों की सलामी, लेकिन एक भी नहीं चली
By: Pinki Thu, 22 Aug 2019 10:18:52
तीन बार बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री रहे डॉ जगन्नाथ मिश्रा का 19 अगस्त को दिल्ली में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। बुधवार को सुपौल जिले के अंतर्गत आने वाले पैतृक गांव बलुआ में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान प्रशासनिक स्तर की सभी तैयारियां की गई थी लेकिन इस विशेष मौके पर बिहार पुलिस की कलई खुलकर सामने आ गई। अब वक्त था डॉ जगन्नाथ मिश्र को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दिए जाने का, तभी पुलिसकर्मियों की 21 बंदूकों में से एक भी बंदूकें नहीं चलीं। यह देखकर प्रशासनिक अमले के होश फाख्ता हो गए। हैरान करने वाली बात तो यह है कि इस पूरे घटनाक्रम के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी वहां मौजूद थे।
गार्ड ऑफ ऑनर के दौरान पुलिस की एक भी रायफल नहीं चलने के इस मामले को पुलिस प्रशासन ने गंभीरता से लिया है। सुपौल के पुलिस अधीक्षक मृत्युंजय चौधरी द्वारा लापरवाही बरतने पर उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है। जिस समय अंतिम संस्कार हो रहा था उस दौरान बिहार के मुख्यमंत्री के अलावा उप मुख्यमंत्री सहित कई विपक्ष के राजनेता भी उपस्थित थे।
#WATCH Rifles fail to fire during the state funeral of former Bihar Chief Minister Jagannath Mishra, in Supaul. (21.8.19) pic.twitter.com/vBnSe7oNTt
— ANI (@ANI) August 22, 2019
सुपौल एसपी एमके चौधरी कहते हैं, 'उसमें ऐम्पटी कार्ट्रिज फायर किया जाता है, जिसमें सिर्फ आवाज होती है। लाइव कार्ट्रिज नहीं होता है। लाइव कार्ट्रिज ड्यूटी के दौरान इस्तेमाल करते हैं। यह ब्लैंक कार्ट्रिज होती है, इसमें पेंदे पर जब चोट पड़ती है तो स्पार्क के साथ महज आवाज उत्पन्न होती है। अब जांच करके पता करा रहे हैं कि इस कार्ट्रिज में क्या दिक्कत थी, किस बैच की कार्ट्रिज थी, कब आई थी, कब से इसका इस्तेमाल नहीं हुआ था। हम इस मामले की जांच कराने के बाद ही कुछ स्पष्ट कर पाएंगे।'
जगन्नाथ मिश्रा 1975 में पहली बार बिहार के मुख्यमंत्री बने और 1977 अप्रैल तक इस पद पर काबिज रहे। उसके बाद 1980 में उन्होंने फिर तीन साल के लिए मुख्यमंत्री पद की कमान संभाली। तीसरी बार वह 1989 में तीन महीने के लिए बिहार के सीएम रहे। उनके कार्यकाल के दौरान कांग्रेस की बिहार में मजबूत पकड़ थी। बाद में वह जेडीयू में शामिल हो गए। 1996 में सामने आए चारा घोटाले में उनका भी नाम सामने आया।
30 सितंबर 2013 को रांची में एक विशेष केंद्रीय जांच ब्यूरो कोर्ट ने चारा घोटाले में 44 अन्य लोगों के साथ डॉ मिश्रा को दोषी ठहराया।1996 में सामने आए इस मामले में बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव अभी जेल काट रहे हैं। कहा जाता है कि चारा घोटाले की पटकथा जगन्नाथ मिश्रा के मुख्यमंत्री रहते हुए ही तैयार की गई थी। डॉ मिश्रा के मुख्यमंत्री रहते हुए 1983 में बिहार का 'बॉबी सेक्स स्कैंडल' भी सामने आया था, जिसने कांग्रेस की राजनीति की चूलें हिला दी थी।