पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की याद में पीएम मोदी बोले - 'वह नाम से ही अटल नहीं थे, निर्णय में भी अटल थे'
By: Priyanka Maheshwari Mon, 20 Aug 2018 5:58:47
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी 'Atal Bihari Vajpayee' की याद में सोमवार को इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में सर्वदलीय प्रार्थना सभा आयोजित की गई 'Atal Bihari Vajpayee Prayer Meet'। सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 'Narendra Modi', भाजपा शासित मुख्यमंत्रियों और विपक्ष के कई नेता शामिल हुए।
सभा को संबोधित करते हुए वरिष्ठ भाजपा नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि 'मैंने कभी कल्पना नहीं की थी कि मैं अटल जी की शोक सभा को संबोधित करूंगा। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे ऐसी सभा को संबोधित करना पड़ेगा जिसमें अटल जी अनुपस्थित रहेंगे।'
उन्होंने आगे कहा 'मैंने जब अपने जीवन की पुस्तक लिखी तो उसमें अटल जी का उल्लेख था, लेकिन जब उसके लॉन्च में अटल जी नहीं आए तो मुझे बहुत कष्ट हुआ। आज वह स्वयं उपस्थित नहीं हैं, जिसमें अटल जी को जानने वाले तो वहीं विपक्ष के कई नेता भी आए हैं। जिसकी मुझे बहुत खुशी है। मैं भाग्यशाली हूं कि अटल जी 65 साल तक मेरे दोस्त रहे। इस दौरान उनके साथ मेरे कई अनुभव रहे। मैंने उनसे बहुत कुछ सीखा है, उनकी गैर-मौजूदगी में बोलने पर बहुत दुख हो रहा है।'
#WATCH live from Delhi: PM Narendra Modi addresses the prayer meeting for #AtalBihariVajpayee. https://t.co/JcF2sZeYZU
— ANI (@ANI) August 20, 2018
नाम से ही अटल नहीं थे, अपने निर्णय में भी अटल थे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि केवल वह नाम से ही अटल नहीं थे, अपने निर्णय में भी अटल थे। पोखरण परमाणु परीक्षण का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि 11 मई को पहला परीक्षण हुआ, इसके बाद पूरी दुनिया भारत के खिलाफ हो गई, लेकिन अटल जी अपने निर्णय से डिगे नहीं। 13 मई को फिर परीक्षण हुआ और उन्होंने इसके जरिये सारी दुनिया को यह संदेश दिया कि भारत किसी से कम नहीं है।
कश्मीर का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा यह अटल जी की ही रणनीति थी कि कश्मीर के मुद्दे को विश्व पटल पर अपने नजरिये से लोगों के सामने रखा। पहला मौका था जब विश्व राजनीति में लोग कश्मीर के बजाय आतंकवाद पर चर्चा करने लगे। उन्होंने पूरे विश्व को दो विचार में बांट दिया था कि आप आतंकवाद के खिलाफ हैं या आतंकवाद के साथ हैं। जीवन कितना लंबा हो यह हमारे हाथ में नहीं है लेकिन जीवन कैसा हो ये हमारे हाथ में है और अटल जी ने करके दिखाया कि जीवन कैसा हो, क्यों हो, किसके लिए हो और कैसे हो। किशोर अवस्था से लेकर के जीवन के अन्त तक अटल जी देश के लिए, देशवासियों के लिए और सामान्य लोगों के अरमानों के लिए जिए। वह जब तक जिए, देश के लिए जिए।
आरएसएस प्रमुख ने कहा 'मोहन भागवत ने कहा कि अटल जी ने विपरीत हालात में भी काम किया था। मुझे युवावस्था में उन्हें जानने का मौका मिला। कॉलेज के दिनों में ही मुझे उन्हें जानने का मौका मिला। मैं उनके भाषण सुनने जाता था, उनकी सभी से मित्रता थी।'
अटल जी आज भी हमारे बीच हैं
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा 'भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व को अटल जी के निधन की पीड़ा है। ऐसा लगता है कि वह आज भी हमारे बीच हैं। अटल जी में सबको साथ लेकर चलने की कला श्रद्धेय थी। अटल जी को लोकप्रियता देश का प्रधानमंत्री बनने के कारण हासिल नहीं हुई वह किसी भी राजनीतिक या सामाजिक क्षेत्र में यदि काम करते तो वह वैसे ही लोकप्रिय होते जैसे प्रधानमंत्री बनने के बाद लोकप्रिय हुए।'
इस मौके पर योग गुरु रामदेव और जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी को याद करने पहुंचे। वहीं वाजपेयी की दत्तक पुत्री नमिता भट्टाचार्य भी सभा मौजूद रहीं।
बता दें कि उनका अस्थि कलश देश के सभी राज्यों में पहुंचाया जाएगा। उनकी याद में पंचायत स्तर पर कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में हो रही श्रद्धांजलि सभा के लिए व्यापक सुरक्षा प्रबंध किए गए।
वहीं सभी राज्यों में बारी-बारी से श्रद्धांजलि सभा आयोजित करने की भी पार्टी की योजना है। इसके तहत लखनऊ में 23 अगस्त को श्रद्धांजलि सभा होगी। यूपी, मध्यप्रदेश समेत दूसरे राज्यों की सौ से अधिक नदियों में पीएम की अस्थियां प्रवाहित की जाएंगी।