असम : माता-पिता की देखभाल नहीं की तो सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में होगी 10% की कटौती, 2 अक्टूबर से लागू होगा कानून

By: Pinki Fri, 03 Aug 2018 08:28:38

असम : माता-पिता की देखभाल नहीं की तो सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में होगी 10% की कटौती, 2 अक्टूबर से लागू होगा कानून

असम सरकार ने 2017 में विधानसभा में अभिभावक जिम्मेदारी एवं जवाबदेही तथा निगरानी नियम (प्रणाम) विधेयक का प्रस्ताव रखा था। इसे अब मंजूरी मिल गई है। इस कानून के तहत अगर असम के सरकारी कर्मचारी अपने माता-पिता और दिव्यांग भाई-बहन का ध्यान नहीं रखते हैं तो उनके वेतन में 10% की कटौती होगी। यह रकम आश्रित माता-पिता या दिव्यांग भाई-बहनों के बैंक खाते में जमा की जाएगी। यह कानून 2 अक्टूबर से लागू होगा। असम के वित्त मंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने बताया कि यह कानून लागू करने वाला असम देश का पहला राज्य है।

सरकार जल्द ही प्रणाम आयोग बनाएगी

- वित्त मंत्री ने कहा, सरकार जल्द ही प्रणाम आयोग बनाएगी, जिसकी निगरानी के लिए अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे।
- उन्होंने बताया, इस अधिनियम को लागू करने का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि सरकारी कर्मचारी अपने आश्रितों की देखभाल अच्छी तरह करें।
- अगर आश्रितों को घर में उपेक्षा का शिकार होना पड़ता है तो वे इसकी शिकायत प्रणाम आयोग से कर सकते हैं। सरकार की योजना है, इस नियम को प्राइवेट कंपनियों के कर्मचारियों पर भी लागू किया जाए।

बुजुर्ग खुश, पर सरकारी कर्मचारी नाराज

- सरकार के इस फैसले से बुजुर्ग काफी खुश हैं। अपने बेटे की उपेक्षा से परेशान सुजीत बताते हैं, मेरा बेटा शहर में रहता है और हमें पैसे नहीं देता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि नए नियम के डर से शायद वह उनकी देखभाल करने लगे।

हालांकि, सरकारी कर्मचारी इस कानून को अपने निजी जीवन में सरकार का हस्तक्षेप मान रहे हैं। इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने इसे असमिया समाज का अपमान करार दिया।

हम WhatsApp पर हैं। नवीनतम समाचार अपडेट पाने के लिए हमारे चैनल से जुड़ें... https://whatsapp.com/channel/0029Va4Cm0aEquiJSIeUiN2i
पढ़ें Hindi News ऑनलाइन lifeberrys हिंदी की वेबसाइट पर। जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश से जुड़ीNews in Hindi

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2024 lifeberrys.com