कोरोना मरीजों के इलाज को लेकर केजरीवाल सरकार सख्त, अब मना नहीं कर सकेंगे प्राइवेट अस्पताल

By: Pinki Sat, 06 June 2020 11:22:11

कोरोना मरीजों के इलाज को लेकर केजरीवाल सरकार सख्त, अब मना नहीं कर सकेंगे प्राइवेट अस्पताल

दिल्ली में कोरोना वायरस के मरीजों और इससे हुई मौतों पर सियासत पहले से ही चल रही है। अब इस प्रकरण में एक नया मामला जुड़ गया है। जो प्राइवेट अस्पतालों में बेड की ब्लैक मार्केटिंग से जुड़ा है। दरअसल, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कुछ प्राइवेट अस्पतालों पर बेड की कालाबाज़ारी करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि दिल्ली के कुछ निजी अस्पताल पहले जान-बूझकर लोगों से बेड भरने की बात कह रहे हैं और ज़्यादा गिड़गिड़ाने पर लाखों रुपये मांगते हैं। केजरीवाल ने कहा, 'ऐसी महामारी के दौर में ज्यादातर अस्पताल लोगों की सेवा कर रहे हैं लेकिन दो चार ऐसे अस्पताल भी है जो COVID19 मरीजों को एडमिट करने से इनकार कर रहे हैं। मैं उन लोगों को चेतावनी दे रहा हूं जो सोचते हैं कि वे अन्य पक्षों के अपने रक्षक के प्रभाव का उपयोग करके बिस्तरों की ब्लैक-मार्केटिंग करने में सफल होंगे। तो उन्हें बता दूं कि उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।'

मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में अस्पताल पैसे कमाने के लिए नहीं बल्कि लोगों की सेवा के लिए बनवाए गए थे। ऐसे में दिल्ली सरकार का एक प्रतिनिधि हर प्राइवेट अस्पताल में नियुक्त किया जाएगा, जो वहां उपलब्ध बेड के बारे में जानकारी सरकार को देगा।

उन्होंने कहा, 'मैंने देखा कि कुछ लोगों को परेशानी हो रही है। लेकिन मुझे थोड़ा टाइम दीजिए, मैं ये सब ठीक कर दूंगा। अब से दिल्ली सरकार का एक स्वास्थ्यकर्मी हर प्राइवेट अस्पताल के रिसेप्शन पर बैठेगा और वहां की हर जानकारी हमें देगा।' अगर किसी अस्पताल ने बेड के बारे में लोगों को गलत जानकारी दी तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। केजरीवाल ने अस्पतालों को चेतावनी देते हुए कहा कि उन्हें कोरोना के मरीज़ तो लेने ही पड़ेंगे। केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में निजी अस्पतालों की कोरोना पर ‘ब्लैक मार्केटिंग’ नहीं चलने देंगे।

केजरीवाल ने साफ किया कि सभी प्राइवेट अस्पताल बहुत अच्छे हैं और उनका स्वास्थ्य क्षेत्र में काफी योगदान है, लेकिन चंद लोग मनमानी कर रहे हैं। वे बहुत ताकतवर हैं और उनकी दूसरी पार्टी के अंदर पहुंच हैं। वे धमकी दे रहे हैं कि कोरोना मरीजों का इलाज नहीं करेंगे। उन्हें हर हाल में कोरोना मरीजों का इलाज करना ही पड़ेगा और यदि नहीं मानते हैं, तो सरकार उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने से भी पीछे नहीं हटेगी।

एप लॉन्च करने के बाद स्थिति काफी सुधरी है

केजरीवाल ने कहा है कि पहले सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में करीब 2800 मरीज थे, लेकिन ‘दिल्ली कोरोना’ एप लांच होने के बाद प्राइवेट अस्पतालों में 1100 मरीज भर्ती हुए हैं। केजरीवाल ने डिजिटल प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि कुछ दिन पहले एक व्यक्ति मेरे पास आया और उसने बताया कि वह एक प्राइवेट अस्पताल में गया। उसने उस प्राइवेट अस्पताल में पूछा कि उसे कोरोना है, उसे कोरोना का बेड चाहिए। पहले अस्पताल ने मना कर दिया, लेकिन जब वह बहुत गिड़गिड़ाया, तब उन्होंने कहा कि 2 लाख रुपये लगेंगे।

दिल्ली के अस्पतालों में सिर्फ दिल्लीवालों का होगा इलाज

बता दे, अस्पतालों में मरीजों के इलाज को लेकर अरविंद केजरीवाल सरकार रविवार को एक अहम फैसला लेने जा रही है कि क्या स्थानीय अस्पतालों में दिल्ली के लोगों का ही इलाज होगा या बाहरी लोगों को भी यह सुविधा मिल सकती है। बता दें, दिल्ली में चिकित्सा व्यवस्था को लेकर शनिवार को डॉ महेश वर्मा कमेटी ने दिल्ली सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली का हेल्थकेयर इंफ्रास्ट्रक्चर केवल दिल्ली के लोगों के लिए इस्तेमाल हो। अगर बाहर वालों के लिए दिल्ली का हेल्थकेयर इंफ्रास्ट्रक्चर खोला गया तो 3 दिन के अंदर सारे बेड भर जाएंगे। डॉ महेश वर्मा कमेटी की इस रिपोर्ट पर रविवार 11:30 बजे दिल्ली कैबिनेट की बैठक होने वाली है। इस बैठक के बाद तय होगा कि दिल्ली के हेल्थकेयर इन्फ्रास्ट्रक्चर दूसरे राज्यों के लिए खोले जाएं या नहीं।

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