सिर्फ पृथ्वी पर ही नहीं, इन ग्रहों पर भी देखने को मिलता है सूर्य ग्रहण
By: Pinki Thu, 26 Dec 2019 10:39:12
सूर्य ग्रहण का आरंभ आज सुबह 8 बजे हो चुका है। इस बार चंद्रमा की छाया सूर्य का पूरा भाग नहीं ढक पाएगी। इसलिए यह पूर्ण सूर्य ग्रहण नहीं होगा। यह सूर्य ग्रहण इस साल का तीसरा सूर्य ग्रहण होगा। इससे पहले 6 जनवरी और 2 जुलाई को सूर्य ग्रहण लगा था। ब्रह्मांड में सिर्फ पृथ्वी ही एक ऐसा ग्रह नहीं है जहां सूर्य ग्रहण या चंद्र ग्रहण देखने को मिलता है। हमारे सौर मंडल में अन्य ऐसे कई ग्रह है जहां सूर्य ग्रहण देखने को मिलता है। लेकिन इनकी दूरी और उनके चंद्रमा का आकार छोटा होने की वजह से ये ज्यादातर आंशिक ही रहता है। तो आइए जानते है अन्य ग्रहों के बारे में जहां सूर्य ग्रहण देखा जाता है।
सबसे छोटे प्लूटो पर लगता है ग्रहण
सबसे पहले बात करते है छोटे ग्रह प्लूटो के बारे में यहां हर 120 साल में सूर्य ग्रहण लगता है। प्लूटो का चांद चेरॉन पूर्ण सूर्यग्रहण लगाने में सक्षम है।
कुछ सेकंड के लिए लगता है नेपच्यून (Neptune) पर सूर्य ग्रहण
इसके बाद बात करते है नेपच्यून की। यहां कुछ सेकंड के लिए सूर्य ग्रहण लगता है। आपको बता दे, नेपच्यून के पास 6 चंद्रमा हैं लेकिन नेपच्यून की सूर्य से दूरी इतनी ज्यादा है कि यहां सूर्य ग्रहण की उम्मीद बेहद कम रहती है। जिसकी वजह से यहां कुछ सेकंड्स के लिए सूर्य ग्रहण लगता है।
यूरेनस (Uranus) पर भी बनता है काला धब्बा
अब बात करते है यूरेनस की। यूरेनस के पास 27 चंद्रमा हैं। लेकिन इनमें से आधे से ज्यादा का आकार बेहद छोठा है और इनकी दूरी इतनी ज्यादा है कि पूर्ण सूर्य ग्रहण की कोई संभावना नहीं है। यूरेनस पर सूर्यग्रहण एक छोटे काले धब्बे जैसा दिखता है और हर 42 साल में एक बार दिखाई देता है।
मंगल ग्रह पर एक छोटे से धब्बे जैसा दिखता सूर्य ग्रहण
यूरेनस की तरह मंगल ग्रह पर भी सूर्य ग्रहण एक छोटे से धब्बे जैसा दिखता है। दरअसल, मंगल ग्रह के दो चाँद है जिनका नाम फोबोस और डीमोस है। ये दोनों काफी तेजी से मंगल ग्रह के चक्कर लगाते है इसलिए मंगल पर ग्रहण कुछ देर के लिए होता है। 20 अगस्त 2013 को मंगल पर सूर्य ग्रहण हुआ था।
बृहस्पति (Jupiter) पर 3 सूर्य ग्रहण एकसाथ
अब बात करते है बृहस्पति की। बृहस्पति सूर्य से पांचवाँ और हमारे सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह है। बृहस्पति प्राथमिक तौर पर गैसों और तरल पदार्थों से बना हुआ है। बृहस्पति ग्रह के कुल मिलाकर 69 चंद्रमा हैं। लेकिन इनमें से सिर्फ पांच चंद्रमा ऐसे हैं जो ग्रहण जैसे हालात पैदा करते हैं। ये हैं - एमलथिया, लो, गैनीमेडे, यूरोपा और कैलिस्टो। इनमें से एक बार में तीन ही सूर्य और बृहस्पति के बीच आकर ग्रहण बनाते हैं। बृहस्पति पर 10 साल में एक बार ही सूर्यग्रहण लगता है।
शनि पर जब पड़ती है सूर्य की नजर
आखिरी में हम बात करते है शनि ग्रह की। नवग्रहों के कक्ष क्रम में शनि सूर्य से सर्वाधिक दूरी पर अट्ठासी करोड, इकसठ लाख मील दूर है। पृथ्वी से शनि की दूरी इकहत्तर करोड, इकत्तीस लाख, तियालीस हजार मील दूर है। शनि ग्रह के पास अपने 62 बड़े चंद्रमा हैं जो पूर्ण सूर्य ग्रहण बना सकते हैं। शनि ग्रह पर 15 साल में एक बार सूर्य ग्रहण होता है। 15 सितंबर 2006 पर यहां आखिरी बार सूर्यग्रहण लगा था।