कर्नाटक में बोले अमित शाह, BJP शासित राज्यों में किसानों की खुदकुशी की घटनाएं कम
By: Priyanka Maheshwari Tue, 27 Mar 2018 3:36:16
दक्षिण भारत का प्रवेश द्वार कहे जाने वाले कर्नाटक में चुनावी समर के ऐलान के बीच बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा है कि कांग्रेस की तुलना में जिन राज्यों में बीजेपी की सरकारें हैं वहां किसानों ने कम आत्महत्याएं की हैं। अमित शाह ने कहा कि 40 लाख की घड़ी पहनने वाले सीएम सिद्धारमैया किसानों की तकलीफों की बात करते हैं, जो किसी भी तरह से मेल नहीं खाता है। शाह ने कहा, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ में 15 सालों से बीजेपी की सरकारे हैं और इन राज्यों में बहुत ही कम संख्या में किसानों ने आत्महत्या की हैं। उनका दावा था कि जो भी खुदकुशी हुई हैं वह उनमें ज्यादातर मामले 'अवसाद और व्यक्तिगत वजहों' से जुड़े हैं।
महाराष्ट्र का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वहां कि बीजेपी सरकार किसानों की हितैषी है। जब से बीजेपी सत्ता में आई है वहां पर किसानों की खुदकुशी के मामले कम हुए हैं। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की ओर से किसानों के हित से जुड़ी योजनाएं अब किसानों का भविष्य संवार रही हैं। बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि कर्नाटक में किसान आज जो भी समस्याएं झेल रहे हैं उसकी वजह यहां की राज्य सरकार रही है। उन्होंने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री ही केवल एक समाजवादी नेता हैं जो इतनी महंगी घड़ी पहनते हैं, यह भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा उदाहरण है।
अमित शाह ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला है। अमित शाह ने कांग्रेस पर हिंदू धर्म को बांटने का आरोप लगाते हुए कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में राज्य की जनता कांग्रेस के लिंगायत कार्ड का जवाब बैलट से देगी।
अमित शाह ने कांग्रेस के लिंगायत समुदाय को अल्पसंख्यक का दर्जा दिए जाने के जवाब में कहा कि लिंगायत के बीच भेदभाव पैदा करने के लिए अल्पसंख्यक दर्जा देने की घोषणा की गई है। उन्होंने यह भी कहा, 'मैं सिद्धारमैया जी से पूछता हूं कि 2013 में कांग्रेस की केंद्र सरकार ने जब लिंगायत को अल्पसंख्यक दर्जा दिए जाने की अपील को रद्द कर दिया गया था तब वह कहां थे? अब चुनाव से ठीक पहले इस तरह की बात क्यों? मुझे भरोसा है कि लिंगायत समुदाय इस चीज को समझता है और बैलेट के माध्यम से कांग्रेस को जवाब देगा।'
राहुल पर निशाना
अमित शाह ने यह भी कहा कि राहुल गांधी हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई को जोड़ने की बात करते हैं और यहां सिद्धारमैया जी हिंदुओं की बीच में ही भेदभाव पैदा करके उन्हें तोड़ना चाहते हैं, ऐसा दोहरा रवैया नहीं चलेगा।