तीन तलाक और आर्टिकल 370 के बाद अब धर्म परिवर्तन कराने वालों पर मोदी सरकार की नजर, जल्द बनेगा कानून

By: Pinki Sun, 11 Aug 2019 2:33:24

तीन तलाक और आर्टिकल 370 के बाद अब धर्म परिवर्तन कराने वालों पर मोदी सरकार की नजर, जल्द बनेगा कानून

जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) से आर्टिकल 370 (Article 370) और तीन तलाक विरोधी कानून के बाद अब मोदी सरकार (Modi Government) नया बिल लाने की तैयारी कर रही है। यह बिल होगा धर्मांतरण विरोधी बिल। पिछली सरकार में संसदीय कार्य मंत्री रहे वेंकैया नायडू ने सभी दलों से धर्मांतरण पर एक राय से कानून बनाने की अपील भी की थी, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया था। अब नई सरकार में मोदी सरकार फिर इस बिल को पेश करने की सोच रही है। बीजेपी नेता और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने धर्मांतरण विरोधी कानून के लिए एक लंबी मुहिम चलाई है और इसके लिए उन्होंने पीएम मोदी को पत्र भी लिखा है।

उन्होंने कहा,' देश में जिस प्रकार से बहुत ही सुनियोजित ढंग से धर्म परिवर्तन हो रहा है यदि उसे नहीं रोका गया तो आने वाले 10 वर्षों में स्थिति अत्यधिक भयावह हो जायेगी। भारत विरोधी शक्तियां धर्म परिवर्तन के माध्यम से पूरे हिंदुस्तान में हिंदुओं को अल्पसंख्यक बनाना चाहती हैं। देश के कई राज्यों में हिंदू पहले ही अल्पसंख्यक हो चुके हैं। इसके बावजूद बड़े पैमाने पर धर्म परिवर्तन हो रहा है। अश्विनी उपाध्याय के मुताबिक, लक्षद्वीप और मिजोरम में हिंदू अब मात्र 2.5% तथा नागालैंड में 8.75% बचे हैं। मेघालय में हिंदू अब 11%, कश्मीर में 28%, अरुणाचल में 29% और मणिपुर में 30% बचे हैं।

उपाध्याय का कहना है कि पहले धर्मांतरण के लिए किसान, मजदूर, दलित शोषित और पिछड़ों को ही टारगेट किया जाता था लेकिन धर्मांतरण कराने वाली संस्थाएं शहरों में भी अपना जाल बिछा लिया है। ये संस्थायें अब उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश जैसे बड़े राज्यों में गरीबों का धर्मांतरण कर रहीं हैं। पिछले 10 साल में इन्होंने हरियाणा और पंजाब जैसे राज्यों में भी किसान, मजदूर, दलित शोषित और पिछड़ों को टारगेट करना शुरू कर दिया है। धर्मांतरण कराने वाले लोग बहुत ही सुनयोजित तरीके से अंधविश्वास और चमत्कार के सहारे लोगों को अपने झांसे में लेते हैं और कानून के अभाव में पुलिस भी कुछ कर नहीं पाती है।

अश्विनी उपाध्याय का कहना है कि कुछ राज्यों ने धर्मांतरण विरोधी और अंधविश्वास विरोधी कानून बनाया है, लेकिन ये कानून बहुत ही कमजोर हैं। यही कारण है कि धर्मांतरण और अंधविश्वास की बढ़ती घटनाओं के बावजूद आज तक किसी को सजा नहीं हुई।

बता दे, धर्मांतरण की ख़बरें पूर्वोत्तर, केरल और उत्तर प्रदेश से अक्सर सामने आतीं हैं, जहां डराकर, धोखे या लालच देकर गरीब अशिक्षित लोगों का धर्म परिवर्तन कराने की बात सामने निकलकर आई हैं। मोदी सरकार अगले सत्र में धर्मांतरण विरोधी कानून ला सकती है।

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