2019 में AAP को कांग्रेस के 'हाथ' की आस, राजीव के खिलाफ प्रस्ताव पर आम आदमी पार्टी को अपनी गलती का एहसास
By: Priyanka Maheshwari Sat, 22 Dec 2018 07:56:55
आम आदमी पार्टी के कब्जे वाली दिल्ली विधानसभा में भूतपूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी को मिले भारत रत्न सम्मान को वापस लिए जाने की मांग केंद्र सरकार से करते हुए प्रस्ताव पास कर डाला। तिलक नगर से आम आदमी पार्टी विधायक जरनैल सिंह ने प्रस्ताव रखा कि '1984 कत्लेआम का औचित्य साबित करने वाले तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी जिन को भारत रत्न के सम्मान से नवाजा गया, केंद्र सरकार को उन का यह अवॉर्ड वापस लेना चाहिए।' इस प्रस्ताव को लेकर आम आदमी पार्टी घिरती नजर आ रही है। आप विधायक अलका लांबा ने दावा किया है कि सदन में राजीव गांधी से भारत रत्न छीनने से जुड़ा संकल्प भी पारित किया गया है। हालांकि, 2019 में कांग्रेस से संभावित गठबंधन को देखते हुए आम आदमी पार्टी इस मुद्दे पर डिफेंसिव मोड में आ गई है।
इस मामले में आप नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि राजीव गांधी के भारत रत्न से जुड़ा प्रस्ताव मूल प्रस्ताव का हिस्सा नहीं था। उन्होंने कहा कि राजीव गांधी से भारत रत्न छीनने वाला हिस्सा सोमनाथ भारती ने अपने हाथ से लिखा था। उन्होंने कहा, "मूल प्रस्ताव में हमने 1984 के नरसंहार के दोषियों को जल्द से जल्द सजा दिलाने के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाने की मांग की थी। राजीव गांधी के भारत रत्न से जुड़ा अमेंडमेंट सोमनाथ भारती ने अपने हाथ से लिखा था। सदन में मूल प्रस्ताव पास हुआ लेकिन भारती का प्रस्ताव पास नहीं किया गया।"
हालांकि अलका लांबा ने बाद में इस संबंध में ट्वीट किया है, जिसमें राजीव गांधी से भारत रत्न वापस लेने वाला हिस्सा हाथ से लिखा हुआ नहीं बल्कि प्रिंटेड नजर आ रहा है। विधानसभा में पेश किए गए प्रस्ताव में कहा गया, 'दिल्ली सरकार को गृह मंत्रालय को कड़े शब्दों में यह लिख कर देना चाहिए कि राष्ट्रीय राजधानी के इतिहास के सर्वाधिक वीभत्स जनसंहार के पीड़ितों के परिवार और उनके अपने न्याय से वंचित हैं।’
वहीं आप नेता सोमनाथ भारती ने भी ट्वीट किया, "विधानसभा में राजीव गांधी से जुड़ी लाइन पर विवाद के संबंध में मैं यह कंफर्म करना चाहता हूं कि वह लाइन उस मूल प्रस्ताव का हिस्सा नहीं थी जो विधायकों को बांटा गया था। मैंने इस लाइन को एक अमेंडमेंट के तौर पर जनरैल सिंह को सुझाया था। जनरैल सिंह ने इस अमेंडमेंट का प्रस्ताव नहीं दिया और न ही इसे वोट के लिए सामने रखा। पास करने से पहले एक-एक अमेंडमेंट को सदन के सामने रखा जाता है और हर अमेंडमेंट पर अलग-अलग वोटिंग होती है। पास हुए बिना उस अमेंडमेंट को पारित हुए प्रस्ताव का हिस्सा नहीं माना जा सकता है।"
आज @DelhiAssembly में प्रस्ताव लाया गया की पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री राजीव गांधी जी को दिया गया भारत रत्न वापस लिया जाना चाहिये,
— Alka Lamba (@LambaAlka) December 21, 2018
मुझे मेरे भाषण में इसका समर्थन करने को कहा गया,जो मुझे मंजूर नही था,मैंने सदन से वॉक आउट किया।
अब इसकी जो सज़ा मिलेगी,मैं उसके लिये तैयार हूँ। pic.twitter.com/ykZ54XJSAv
इस प्रस्ताव के विरोध में अलका लांबा ने सदन से वॉक आउट कर दिया था। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री और पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल ने उनसे इस्तीफे की मांग की है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक लांबा ने पार्टी लाइन तोड़ी और प्रस्ताव की कॉपी सोशल मीडिया पर शेयर की थी इसलिए उनके खिलाफ यह कार्रवाई की गई है।
असल में क्या हुआ?
यह बात सही है कि 1984 की सिख विरोधी हिंसा पर जो संकल्प विधायक जरनैल सिंह ने पेश किया उसमें टाइप हुई लाइनों में राजीव गांधी और भारत रत्न का जिक्र नहीं था और विधायक सोमनाथ भारती ने बाद में पेन से उसमें राजीव गांधी और भारत रत्न संबंधित लाइनें जोड़ दी। लेकिन विधायक जरनैल सिंह ने संकल्प पूरा पढ़ा जिसमें केंद्र सरकार से राजीव गांधी को दिया भारत रत्न सम्मान वापस लेने की मांग की गई थी। और इस मांग का स्पीकर समेत सभी मौजूद सदस्यों ने खड़े होकर समर्थन किया और प्रस्ताव पास किया।
इसके बाद विधायक जरनैल सिंह ने सदन के बाहर आकर मीडिया से बात करते हुए कहा कि 'उन जख्मों पर मरहम लगाने के लिए जो तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने दिए थे, जिन्होंने यह कहा था कि जब जब कोई बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती हिलती है। इसको उचित साबित करने की कोशिश की इसको जस्टिफाई किया गया कि यह तो होता ही है, ऐसे आदमी से केंद्र सरकार भारत रत्न वापस लेने की कार्रवाई करे।'
आप विधायक जरनैल सिंह ने इस प्रस्ताव को पेश किया था। माना जा रहा है कि केजरीवाल सरकार ने सिख समुदाय के वोट बैंक को अपने पाले में करने के लिए यह कदम उठाया है।
Jarnail Singh,AAP MLA: Delhi Assembly today declared 1984 anti-Sikh riots as worst genocide in the history of India’s national capital. In a resolution that has been passed today we have demanded from the Centre that Bharat Ratna should be withdrawn from Former PM Rajiv Gandhi. pic.twitter.com/g9uskxBe36
— ANI (@ANI) December 21, 2018
Lines about Late Rajiv Gandhi were not part of resolution placed before house and distributed to the members.
— Saurabh Bharadwaj (@Saurabh_MLAgk) December 21, 2018
One MLA in his handwriting proposed an addition/amendment about Late Rajiv Gandhi.
Amendments cannot be passed in this manner.