स्वतंत्रता दिवस विशेष : आजादी के 71 साल बाद भी इन चुनौतियों से लड़ रहा है देश
By: Ankur Mon, 13 Aug 2018 6:12:18
भारत देश के प्रति हम सभी देशवासियों के मन में एक सम्मान की भावना है, तभी तो हम ये गीत गाते हैं "सारे जहां से अच्छा हिन्दुस्तान हमारा"। हमारे लिए तो हमारा देश एक गर्व हैं क्योंकि आजादी के इन 71 सालों में देश ने कई मुकाम हासिल किए हैं। लेकिन वर्तमान समय की स्थिति को देखते हुए लगता है जैसे कुछ चीजें हैं जिनसे देश आज भी जूझ रहा हैं। जी हाँ, बहुत से ऐसे पहलु हैं जिनमें अब भी शायद बहुत कुछ सुधार की जरूरत है जो आज भी भारत के लिए एक बड़ी चुनौती है। आज हम आपके सामने उन पहलुओं को लाने जा रहे हैं।
* जनसंख्या
एक हालिया आकलन के मुताबिक, 2020 तक देश में कामकाजी उम्र के लोगों की आबादी 90 करोड़ तथा नागरिकों की औसत आयु 29 वर्ष हो जायेगी जो चिंता का विषय है।
* बेरोजगारी
भारत में रोजगार जरूरतों के कारण आर्थिक विकास पिछड़ता प्रतीत हो रहा है, भारत में रोजगार के अवसर लगातार कम हो रहे हैं। यहां युवाओं को नौकरी न मिलने की सबसे बड़ी चुनौती है।
* भ्रष्टाचार
भारत में अपना कोई न कोई जरुरी काम करवाने के लिए 54 फीसदी लोगों ने रिश्वत दी, यानि देश का हर दूसरा शख्स रिश्वत देने में यकीन रखता है।
* आतंकवाद
बेरोजगारी की चुनौती देश के अंदर की बात है लेकिन इससे भी बड़ी चुनौती है आतंकवाद, जो देश के लिए एक बड़ी परेशानी का सवाल है, आतंकवाद से प्रभावित देशों में भारत का चौथा नंबर है।
* शिक्षा व्यवस्था
बदलते भारत में खराब शिक्षा व्यवस्था एक चिंता का कारण है स्कूलों में कक्षा पांच में पहुंचने वाले बच्चों में 50 प्रतिशत कक्षा दो की पुस्तकें भी नहीं पढ़ पाते।
* ड्रग्स तस्करी
पूरे भारत की बात करें तो दक्षिण एशिया में भारत हेरोइन का सबसे बड़ा अड्डा है इसमें युवा वर्ग सबसे ज्यादा प्रभावित है।
* लचर स्वास्थ्य व्यवस्था
भारत में बिगड़ी हुई स्वास्थ्य व्यवस्था भी एक बड़ी चुनौती है, यहां 1,050 मरीजों के लिए सिर्फ एक ही बेड उपलब्ध है। इसी तरह 1,000 मरीजों के लिए 0।7 डॉक्टर मौजूद है।
* साइबर क्राइम
बदलते और डीजिटल होते भारत में जहां एक तरफ लोग आधुनिक हो रहे हैं वहीं दूसरी तरफ साइबर क्राइम भी बढ़ने लगा है देश के लिए ये एक घातक समस्या है ये सच है कि भारत ने आजादी के बाद काफी तरक्की की है देश में बहुत कुछ बदला है लेकिन ये कुछ ऐसी चुनौतियां है जिनपर सिर्फ सरकार ही हम सबको मिलकर सोचने की जरूरत है।