भवन एवं अन्य संनिर्माण श्रमिक कल्याण मण्डल की 27वीं बैठक

By: Priyanka Maheshwari Tue, 03 Apr 2018 11:34:38

भवन एवं अन्य संनिर्माण श्रमिक कल्याण मण्डल की 27वीं बैठक

जयपुर। भवन एवं अन्य संनिर्माण श्रमिकों को अब तीन माह पुराने श्रमिक कार्ड से भी कल्याणकारी योजनाओंका लाभ मिलने लगेगा। पहले कार्ड के छह माह पुराना होने की अनिवार्यता थी। श्रम मंत्री डॉ. जसवंत यादव ने सोमवार को जयपुर में भवन एवं अन्य संनिर्माण श्रमिक कल्याणमण्डल की 27वीं बैठक की अध्यक्षता करतेहुए अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश दिए।

श्रम मंत्री एवं मण्डल अध्यक्ष डॉ. यादव नेकहा कि निर्माण श्रमिक कार्ड के छह माह पुराना होने की अनिवार्यता के स्थान पर तीन माह पुराना कार्ड होने पर सभी योजनाओं का लाभ दिया जाना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि विभाग की ओर से निर्माण श्रमिक का कार्ड बनाते समय ही उसका ठीक प्रकार से सत्यापन किया जाना चाहिए बल्कि योजना का लाभ देते समय उसे परेषान नहीं किया जाए। लाभ देते समय निर्माण श्रमिक को अवैध करार देना उचित नहीं है। इससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलने की आशंका बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि अब तक जो कार्ड बन चुके हैं उन्हें वैध मानते हुए आज की तारीख के बाद जो भी कार्ड बनाए जाएंगे उनको उसी वक्त वेरीफाई करके बनाए जाएं। अधिकारियों को इस पर सख्ती से कार्य करने के लिए निर्देशित किया।

उन्होंने दो डिलीवरी तक महिला हिताधिकारी को प्रसूति सहायता योजना का लाभ देने को कहा।

मंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य में बड़े-बड़े भवनों के निर्माण से अपेक्षित सैस हासिल नहीं हो पा रहा है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को अपने स्तर पर अधिक से अधिक सैस एकत्र करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पति-पत्नी दोनों में से किसी भी व्यक्ति के नाम पर भूमि का पट्टा या मालिकाना हक होने की दषा में निर्माण श्रमिक सुलभ्य आवास योजना का लाभ प्राप्त हो सकेगा। उन्होंने समाज कल्याणविभाग को एक हजार पालनागृह खोलने के टारगेट संबंध में हुई कार्यवाही की समीक्षा करते हुए अब तक खोले गए पालना गृहों की विस्तृत जानकारी मांगी।

डॉ. यादव ने कहा कि सिलिकोसिस बीमारी से पीडित व्यक्ति को एक लाख के स्थान पर दो लाख रूपए की सहायता राशि दिए जाने का प्रावधान अम्बेडकर जयन्ती पर आगामी 14 अप्रैल से लागू करें। पीडित बोर्ड की दुर्घटना में घायल या मृत्यु की दशा में सहायता योजना के अंतर्गत सहायता पाने का अधिकारी नहीं होगा जबकि सिलिकोसिस पीडित व्यक्ति की मृत्यु पर दी जाने वाली 3 लाख रूपए की आर्थिक सहायता यथावत रहेगी।

श्रम मंत्री ने कहा कि निर्माण श्रमिकों की समस्या के समाधान के लिए एक समिति गठित कर अलग-अलग जिलों का विजिट कर उनकी समस्याओं को सुनें तथा उनकी समस्याओं के निस्तारण की कार्यवाही करें। सभी पंजीयनों का सत्यापन किए जाने के लिए विषेष अभियान चलाकर कार्यवाही करें।

विशेष आमंत्रित सदस्य राज्य समाज कल्याणबोर्ड अध्यक्ष श्रीमती कमला कस्वा ने कहा कि पंचायत स्तर पर सोशल ऑडिट किए जाने केलिए पंचायतीराज विभाग के अधिकारियों के साथ मीटिंग कर निर्णय लिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि 26 जिलों में पालना गृह खुल गए है। पालना गृहों का एक माह बाद विजिट किया जा सकता है।

मण्डल के अतिरिक्त श्रम आयुक्त एवं संयुक्त सचिव श्री सीबीएस राठौड़ ने गत वर्ष 11अगस्त को हुई मण्डल की 26वीं बैठक में लिए गए निर्णयों पर की गई कार्यवाही के सम्बन्ध में विस्तार से अवगत कराया जिसकी मण्डल की ओर से पुष्टि की गई। बैठक में श्रम एवं नियोजन सचिव श्री टी. रविकांत, केन्द्रीयश्रम मंत्रालय के कल्याण आयुक्त श्री एस. सी. जोशी, राज्य समाज कल्याण बोर्ड सचिव श्री पीआर मीना, निर्माण श्रमिक प्रतिनिधि के रूप में बीएमएस के प्रदेश महामंत्री श्री राजबिहारी शर्मा एवं भारतीय मजदूर संघ की सुश्री मंजु दवे उपस्थित थी।

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