सिख विरोधी दंगा केस: दोपहर 2 बजे तक सरेंडर कर सकते है सज्जन कुमार

By: Priyanka Maheshwari Mon, 31 Dec 2018 11:56:32

सिख विरोधी दंगा केस: दोपहर 2 बजे तक सरेंडर कर सकते है सज्जन कुमार

1984 के सिख विरोधी दंगों से संबंधित एक मामले में उम्र कैद की सजा पाने वाले कांग्रेस के पूर्व नेता सज्जन कुमार आज (31 दिसंबर) 2 बजे तक अदालत में सरेंडर कर सकते हैं क्योंकि दिल्ली हाईकोर्ट ने यह समय सीमा बढ़ाने का उनका अनुरोध खारिज कर दिया था।

सज्जन कुमार के वकील अनिल कुमार शर्मा ने कहा कि हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर अपील पर शीतकालीन छुट्टियों के दौरान 31 दिसंबर से पहले सुनवाई की संभावना नहीं है। उच्चतम न्यायालय एक जनवरी तक बंद है और दो जनवरी से वहां सामान्य कामकाज शुरू होगा। उन्होंने कहा, ''हम उच्च न्यायालय के फैसले का अनुपालन करेंगे।''

31 दिसंबर तक समर्पण करने का आदेश

- उच्च न्यायालय ने 1984 के दंगों से संबंधित एक मामले में 17 दिसंबर को 73 वर्षीय पूर्व सांसद सज्जन कुमार को शेष सामान्य जीवन के लिये उम्र कैद और पांच अन्य दोषियों को अलग अलग अवधि की सजा सुनायी थी और उन्हें 31 दिसंबर तक समर्पण करने का आदेश दिया था।

- अदालत ने अपने फैसले में कहा था कि 1984 के दंगों में दिल्ली में 2700 से अधिक सिख मारे गये थे जो निश्चित ही ‘अकल्पनीय पैमाने का नरसंहार' था। अदालत ने कहा था कि यह मानवता के खिलाफ उन लोगों द्वारा किया गया अपराध था जिन्हें राजनीतिक संरक्षण प्राप्त था और जिनकी कानून लागू करने वाली एजेन्सियां मदद कर रही थीं।

- अदालत ने अपने फैसले में इस तथ्य का जिक्र किया कि देश् के बंटवारे के समय से ही मुंबई में 1993 में, गुजरात में 2002 और मुजफ्फरनगर में 2013 जैसी घटनाओं में नरसंहार का यही तरीका रहा है और प्रभावशाली राजनीतिक लोगों के नेतृत्व में ऐसे हमलों में ‘अल्पसंख्यकों'को निशाना बनाया गया और कानून लागू करने वाली एजेन्सियों ने उनकी मदद की।

- उच्च न्यायालय ने गत 21 दिसंबर को सज्जन कुमार के उस अनुरोध को अस्वीकार कर दिया जिसमें उन्होंने अदालत में समर्पण की अवधि 30 जनवरी तक बढ़ाने का अनुरोध किया था। सज्जन कुमार ने यह अवधि बढ़ाने का अनुरोध करते हुये कहा था कि उन्हें अपने बच्चों और संपत्ति से संबंधित कुछ पारिवारिक मसले निपटाने हैं और कोर्ट में इस फैसले को चुनौती देने के लिये भी समय की आवश्यकता है।

- सज्जन कुमार की संलिप्तता वाला सिख विरोधी दंगों का यह मामला दक्षिण पश्चिम दिल्ली की पालम कालोनी के राज नगर पार्ट-I में 1-2 नवंबर, 1984 को पांच सिखों की हत्या और एक गुरूद्वारे को जलाने की घटना के संबंध में है। तत्कालीन प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी की 31 अक्टूबर, 1984 को उनकी सुरक्षा में तैनात दो सिख अंगरक्षकों द्वारा गोली मार हत्या करने की घटना के बाद दिल्ली और देश के कुछ अन्य राज्यों में सिख विरोधी दंगे भड़क गये थे।

1984 sikh riots case,sajjan kumar,sajjan kumar surrender,sajjan kumar surrender today ,1984 के सिख विरोधी दंगे,सज्जन कुमार,सज्जन कुमार सरेंडर

- सज्जन कुमार के वकील ने बताया कि शीर्ष अदालत में 22 दिसंबर को दायर अपील की त्रुटियों को दूर कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि चूंकि इस समय शीर्ष अदालत में अवकाश चल रहा है, इसलिए इस पर शीर्ष सुनवाई का अनुरोध करने के लिये उल्लेख करने का भी अवसर नहीं है। ऐसी स्थिति में समय का अभाव है।

- शर्मा ने बताया कि इस मामले में सज्जन कुमार की पैरवी के लिये उन्हें अभी वरिष्ठ अधिवक्ता की सेवायें भी लेनी है। दंगा पीड़ितों का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता एच एस फुल्का ने पहले ही शीर्ष अदालत में एक अर्जी दायर कर रखी है ताकि सज्जन कुमार के पक्ष में एकतरफा कोई आदेश नहीं सुनाया जा सके।

- उच्च न्यायालय ने इस मामले में सज्जन कुमार को बरी करने का निचली अदालत का 2010 का फैसला निरस्त कर दिया था। मामले में अन्य दोषियों में कांग्रेस के पूर्व पार्षद बलवान खोखर, नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी कैप्टन भागमल, गिरधारी लाल और पूर्व विधायक महेन्दर यादव और किशन खोखर शामिल हैं।

हम WhatsApp पर हैं। नवीनतम समाचार अपडेट पाने के लिए हमारे चैनल से जुड़ें... https://whatsapp.com/channel/0029Va4Cm0aEquiJSIeUiN2i
पढ़ें Hindi News ऑनलाइन lifeberrys हिंदी की वेबसाइट पर। जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश से जुड़ीNews in Hindi

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2024 lifeberrys.com