Friendship Day Special : समय के साथ बदलते है दोस्ती के रंग...
By: Ankur Sat, 04 Aug 2018 2:33:43
दोस्ती को सबसे अनूठा रिश्ता कहा जाए तो इसमें कोई हैरानी नहीं होनी चाहिए। इस रिश्ते का अनूठापन इससे भी पता लगाया जा सकता है कि बॉलीवुड में भी दोस्ती के ऊपर कई फ़िल्में बनी हैं और हर किरदार अपनी दोस्ती के लिए जाना गया। इसी अनूठी दोस्ती के नाम ही तो अगस्त के पहले रविवार को 'फ्रेंडशिप डे' मनाया जाता हैं। इस दिन सभी काम छोड़कर जरूरत होती हैं अपनी जिंदगी में आए उन सभी अनूठे दोस्तों से मिलने का, क्योंकि हर एक फ्रेंड जरूरी होता हैं। दोस्त भी कई तरह के होते हैं और आज हम आपको दोस्ती के इन अनोखे रंगों के बारे में ही बताने जा रहे हैं।
* लाईफटाइम दोस्त
लाईफटाइम या टिकाऊ टाइप के दोस्त आजकल कम ही दिखाई देते हैं। हां अगर आपकी दोस्ती पुरानी है, और लंबे समय से चली आ रही है, तो आपने जरूर इस दोस्ती का आनंद लिया होगा, लेकिन असल जिंदगी में तो अब इस तरह के दोस्त फिल्मों या किताबों में ही मिलते हैं। इस प्रकार के दोस्त हर हाल में ताउम्र साथ निभाते हैं, और हमारी खुशी के लिए अपना सब कुछ कुर्बान करने का जज्बा रखते हैं।
* स्कूल-कॉलेज की दोस्ती
कॉपियों-किताबों में रखी रंगीन फुद्दियों (पंखों), विद्या की पत्तियों और पेंसिल की छीलन से लेकर स्टीकरों, 'कॉन्ट्री' की चाय और समोसों, आधी रात को की गई नोट्स की जुगाड़, असाइनमेंट के कवर को हटाकर की गई फोटोकॉपी और टीशर्ट से लेकर जूतों, दुपट्टों तथा चॉकलेट्स तक की लड़ाई तक कई दौर से गुजरती है ये दोस्ती। यूं देखें तो यह दोस्ती का सर्वोत्तम काल होता है।
* केयरिंग दोस्त
इस तरह के दोस्त आपकी हर बात का पूरा ध्यान रखते हैं, बिल्कुल मां की तरह। आपकी पढ़ाई और एक्जाम से लेकर तबियत और खाने-पीने तक का ख्याल उसे रहता है, और वह हर वक्त आपके लिए एक पैर पर हाजिर होता है। अगर आपके पास ऐसा दोस्त है, तो आप खुशकिस्मत हैं।
* व्यावसायिक दोस्ती
आपसी सामंजस्य और अटूट भरोसे के बल पर रची हुई दोस्ती का एक ये भी रूप है। मिलजुलकर एक ही व्यवसाय करने वाले दो दोस्त किसी आत्मीय सगे-संबंधी से कम नहीं रह जाते, बल्कि कई मामलों में तो उनसे भी आगे निकल जाते हैं। अब आप उन्हें दोस्त कहें या पार्टनर, आपकी मर्जी।
* पकाऊ दोस्त
इस तरह के दोस्तों को इससे कोई मतलब नहीं होता कि आप उनकी बातों और हरकतों से बोर हो रहे हैं, उसे केवल हर बात में अपनी राय रखने की बीमारी होती है। इन्हें लोग फेंकू के नाम से भी जानते हैं। इन्हें बस कोई सुनने वाला चाहिए होता है, जिन्हें यह कभी ज्यादा बोलने का मौका नहीं देते, और यह खुद के सबसे बड़े फैन होते हैं।
* मूडी दोस्त
इस तरह के दोस्तों का मिजाज बदलते देर नहीं लगती। या तो यह बिल्कुल मेहरबान होते हैं, या फिर खबरदार की मुद्रा में। इन्हें हैंडल करना बहुत ही टेढ़ी खीर साबित होता है, क्योंकि इनका मूड कभी भी ऑन या ऑफ हो सकता है और इन्हें शांत करने के लिए आपको इंतजार भी करना पड़ सकता है।
* स्वार्थी दोस्त
इस तरह के दोस्त मौकापरस्त और मतलबी टाइप के होते हैं, जो कई बार आपसे दोस्ती भी मौके का फायदा उठाकर करते हैं।यह आपको अपना लक्ष्य प्राप्त करने की सीढ़ी की तरह इस्तेमाल करता है, और काम हो जाने के बाद आपको याद तक नहीं करता। इस तरह के दोस्तों को पहचानने में आप जितनी देर करेंगे, उतना ही नुकसान उठाना पड़ सकता है।