कान्हा नेशनल पार्क बनाएगा आपकी छुट्टियों को मजेदार, देखने को मिलेंगे आकर्षक नज़ारे
By: Anuj Wed, 08 Jan 2020 1:51:28
कान्हा नेशनल पार्क (Kanha National Park) मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में स्थित यह मध्य भारत का सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान है, जो राष्टीय पशु बाघ और ऐसे कई जंगली जानवरों का आवास स्थान के लिए प्रसिद्ध है। नर्मदा के किनारे मीलों फैले जंगल और उनमें उछल-कूद करते जानवर बरबस पर्यटकों का ध्यान अपनी और आकर्षित करते हैं।कान्हा राष्ट्रीय उद्यान मध्यप्रदेश राज्य के मंडला जिले में स्थित ऐसा कस्बा है जो यहाँ आने वाले पर्यटकों को अपनी प्राक्रतिक सुंदरता से आनंदित कर देता है। कान्हा नेशनल पार्क की स्थापना वर्ष 1955 में हुई थी और तब से यहां पर कई लुप्तप्राय प्रजातियों को संरक्षित किया गया है। अगर आप भी जानवरों करीब से और उछल-कूद करते हुए देखना चाहते हैं तो कान्हा नेशनल पार्क जाने का प्लान बनाएं।
सफारी का आनंद
टाइगर रिजर्व की भाषा में बाघ के दिखने को टाइगर शो (Tiger Show) कहते हैं। सर्पीली पगडंडियों जैसी सड़क पर बढ़ती जीप प्रकृति के अद्भुत, अनबूझे, अनदेखे दृश्यों का दीदार कराती है। जमीन से लेकर आसमान तक केवल और केवल हरा-हरा रंग ही बिखरा रहता है। कान्हा की गिनती देश ही एशिया के सबसे अच्छे टाइगर रिजर्व के रूप में होती है। यह सबसे पुराने अभयारण्यों से एक है।यहां स्तनधारी जानवरों की करीब दो दर्जन प्रजातियां पाई जाती हैं। इनमें चीतल, सांभर, काले हिरण, नील गाय, लकड़बग्घा, सियार, भालू शामिल हैं। (kanha national park animals)
सनसेट पॉइंट
बामनी दादर कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में सबसे ऊंचा पठार है जो कान्हा नेशनल पार्क के सनसेट पॉइंट के रूप में जाना जाता है। इस सनसेट पॉइंट से आपको यहाँ के मैदानी क्षेत्रों की विशालता और सुंदरता के आकर्षक दृश्य दिखाई देते। यहाँ आने वाले पर्यटक सूर्यास्त के समय कई शानदार दृश्यों का अनुभव करते हैं। बार्किंग हिरण और भारतीय बाइसन को देखने के लिए यह जगह शाम की सफारी में घूमने का अंतिम स्थान है।
पक्षियों की सैकड़ों प्रजातियां
कान्हा में पक्षियों की करीब ढाई-तीन सौ तरह की प्रजातियां पाई जाती हैं। मोर उनमें से ही एक है। अलग-अलग तरह के पक्षी, कबूतर, बाज यहां आमतौर पर दिखते रहते हैं। पार्क में दो नदियां भी हैं हेलॉन और बंजर। हेलॉन में अक्सर प्रवासी पक्षी दिख जाते हैं।
कान्हा नेशनल पार्क की वनस्पति
मध्यप्रदेश में स्थित कान्हा नेशनल पार्क अपनी प्रकृतिक जीवंतता के लिए प्रसिद्ध है (kanha national park madhya pradesh)। इस पार्क में फूलों के पौधों की 200 से अधिक प्रजाति और पेड़ों 70 से अधिक प्रजाति पाई जाती हैं। कान्हा नेशनल पार्क में कम भूमि वाले जंगलो में घास के मैदान, साल के जंगल और अन्य वन पाए जाते हैं। इसके अलावा कान्हा रिजर्व में पाए जाने वाले वनों में साल, लेंडिया, चार, धवा, बीजा, आंवला, साजा, तेंदू, पलास, महुआ और बांस के नाम भी शामिल हैं।
कान्हा नेशनल पार्क में पाए जाने वाले जीव-कान्हा नेशनल पार्क सैकड़ों एकड़ में फैले घास के मैदान, खड्डे और नाले के रूप में वन्यजीवों के लिए प्राकृतिक आवास प्रदान करता है। इस नेशनल पर को कान्हा टाइगर रिजर्व रूप में भी जाना-जाता है क्योंकि यहां पर रॉयल टाइगर सहित कई बाघ प्रजातियों का घर है जो यहाँ आने वाले पर्यटकों को काफी उत्साहित करता है। बाघ के अलावा कान्हा नेशनल पार्क में तेंदुओं, जंगली बिल्लियों, जंगली कुत्तों और गीदड़ों की संख्या काफी ज्यादा है। इस पार्क में सामान्य रूप से चित्तीदार स्तनधारी बाघ, चीतल, सांभर, बारहसिंगा, चौसिंघा, गौर, लंगूर, भौंकने वाले हिरण, जंगली सुअर, आलसी भालू, लकड़बग्घा, काला हिरन, रूड मोंगोज, बैजर, इंडियन हरे, इंडियन फॉक्स पाए जाते हैं।