लाटू देवता : आंख, नाक और मुंह पर पट्टी बांधकर पुजारी करता है पूजा

By: Priyanka Maheshwari Tue, 20 Aug 2019 5:40:39

लाटू देवता : आंख, नाक और मुंह पर पट्टी बांधकर पुजारी करता है पूजा

उत्तराखंड में ऐसा भी एक मंदिर हैं, जहां महिला हो या पुरुष, किसी भी श्रद्धालु को अंदर जाने की इजाजत नहीं है। यह मंदिर उत्तराखंड के चमोली जिले के देवाल ब्लॉक में वांण नामक गांव में है। राज्य में यह देवस्थल लाटू मंदिर नाम से विख्यात है। यहां लाटू देवता की पूजा होती है। खास बात यह है कि इस मंदिर में किसी वीआईपी की भी नहीं चलती है। वह भी अंदर नहीं जा सके। यहां तक कि मंदिर के पुजारी को भी आंख, नाक और मुंह पर पट्टी बांधकर देवता की पूजा करनी पड़ती है। मान्यता है कि इस मंदिर के अंदर साक्षात रूप में नागराज अपने अद्भुत मणि के साथ वास करते हैं, जिसे देखना आम लोगों के वश की बात नहीं है। पुजारी भी साक्षात विकराल नागराज को देखकर न डर जाएं, इसलिए वे अपने आंख पर पट्टी बांधते हैं।

लाटू कैदखाने में रखे गये देवता हैं और 12 वर्ष में एक बार चंद घंटों के लिए केवल तभी मुक्त किये जाते हैं। जब नंदा राजजात के दौरान देवी नंदापार्वती की डोली त्रिशूल पर्वत पर ले जाती है। लाटू को मिली कैद की इस सज़ा के मूल में किंवदंती इस प्रकार है कि शिवजी के साथ विवाह सम्पन्न हो जाने के बाद देवी नंदा की डोली कैलाश ले जाई रही थी, तो अन्य भाईबंधुओं के साथ चचेरे भाई लाटू भी उन्हें विदाई देने के लिए साथ-साथ चले। किंतु वाण पहुंचते पहुंचते उनका कंठ प्यास के कारण बुरी तरह सूखने लगा। इधर-उधर द़ौड लगाने के बाद उन्हें दूर पर एक मकान दिखाई दिया। मकान का मालिक सोया प़डा था। लाटू ने उसे झिंझ़ोड कर जगाया और पानी माँगा। नींदे से मकान मालिक ने एक कोने में रखे मटके की ओर इशारा कर दिया, जिसमें मदिरा भरी हुई थी और उन्होंने पूरी मदिरा को पी गये। मद्य ने भी अपना रंग जल्दी ही दिखलाया। बस, लगे वह उत्पात मचाने। उनकी इस हरकत से क्षुब्ध होकर देवी नंदा ने उन्हें वहीं कैद कर डालने का आदेश दे डाला। तब से बेचारे यहीं बंद प़डे हैं। वैसे, लाटू इस क्षेत्र के सर्वमान्य देवता है। श्रद्धालु इस मंदिर परिसर से काफी दूर रहकर पूजा कर मन्नतें मांगते हैं।

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