शिवजी के सबसे ऊंचे मंदिरों में से एक है किन्नर कैलाश, जानें इसकी विशेषता

By: Anuj Fri, 13 Dec 2019 06:17:18

शिवजी के सबसे ऊंचे मंदिरों में से एक है किन्नर कैलाश, जानें इसकी विशेषता

भारत चुनौतियों के साथ प्राकृतिक सुन्दरता से भरपूर है।भारत के उत्तर में स्थित हिमालय पर्वत माला कई आध्यात्मिक स्थलों का केंद्र है। यहीं गंगोत्री,यमुनोत्री,केदारनाथ जैसे पवित्र और दुर्गम तीर्थ हैं जो बहुत प्रसिद्ध हैं। इनके अलावा भी ऐसे कई स्थान जहां दुर्गमता होने के कारण पहुंचना आसान नहीं होता, ऐसे ही स्थानों में से एक है हिमाचल प्रदेश में के किन्नौर में स्थित किन्नर कैलाश। लगभग 6000 मीटर की उंचाई पर स्थित किन्नर कैलाश शिवजी के सबसे उंचे मंदिरों में से एक है।

kinnar kailash situated at a height of about 6000 meters,kinnar kailash,highest temple of shiva,shiv temple at height,holidays,travel ,सबसे ऊंचाई पर स्थित किन्नर कैलाश, किन्नर कैलाश, हॉलीडेज, ट्रेवल

- देवताओं की घाटी कुल्लु भी यहीं है।किन्नर कैलाश को 1993 में पर्यटकों के लिए खोला गया था। यहां जाने का सबसे उपयुक्त समय जुलाई- अगस्त है। किन्नर कैलाश मूलत: 19848 फीट की ऊंचाई पर स्थित 79 फीट उंचा हिमखंड है जिसे शिवलिंग की तरह पूजा जाता है।
- किन्नर कैलाश की यात्रा सबसे दुर्गम यात्राओं में से एक है जहां जाने से पहले स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है। हिमाचल के किन्नौर जिले में स्थित किन्नर कैलाश जाने के लिए पहले किन्नौर के जिला मुख्यालय रिकोंग प्यो जाना पडता है जो शिमला से लगभग दो सौ इकतीस किलोमीटर है।
- रिकोंग प्यो से 41 किलोमीटर की दूरी पर आईटिबीपी का केंद्र है जहां स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है।इसके बाद लांबार जाना होता है जो यहां से दस किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। लांबार के बाद पेड पौधे कम होने लग जाते हैं और ऑक्सीजन स्तर कम होने लग जाता है।

- लांबार के बाद चारांग गांव में रूकने की व्यवस्था है। कहते हैं कि मनुष्य यहां अपने जीवन में एक बार जाने की ही हिम्मत रख पाता है। इस शिवलिंग की परिक्रमा करना बहुत खतरनाक माना जाता है।कई शिवभक्त रस्सीयों के सहारे इस शिवलिंग की परिक्रमा करते हैं।शिवलिंग से जुड़ी एक चमत्कारिक बात है कि यह शिवलिंग दिन में कई बार अपना रंग बदलता है।कहते हैं कि इस स्थान पर भगवान शिव और अर्जुन का युद्ध हुआ और अर्जुन को पाशुपातस्त्र की प्राप्ति हुई थी।

हम WhatsApp पर हैं। नवीनतम समाचार अपडेट पाने के लिए हमारे चैनल से जुड़ें... https://whatsapp.com/channel/0029Va4Cm0aEquiJSIeUiN2i

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2024 lifeberrys.com