भारत में निशुल्क मिल सकती हैं ऑक्सफोर्ड की कोरोना वैक्सीन, जानें कबतक आएगी
By: Ankur Wed, 22 July 2020 7:09:04
देश-दुनिया के शोधकर्ता कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए वैक्सीन बनाने में जुटे हुए हैं और सभी ट्रायल के विभिन्न चरणों से गुजर रहे हैं। ऐसे में कई वैक्सीन को लेकर सकारात्मक परिणाम दिखाई दिए हैं। देखा जाए तो इसमें सबसे आगे ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा तैयार वैक्सीन मानी जा रही हैं जिसके शुरूआती दो चरणों के परिणाम सफलता की ओर इशारा करते हैं। अगले चरण में बड़े पैमाने पर ह्यूमन ट्रायल की तैयारी है, जिसमें ब्रिटेन के अलावा ब्राजील, अमेरिका और फिर भारत में भी ट्रायल किया जाएगा।
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी (Oxford University) की कोरोना वैक्सीन (corona vaccine) का ट्रायल कामयाब होने के बाद इसके उत्पादन की तैयारी शुरू हो गई है। दुनिया की अग्रणी वैक्सीन निर्माता कंपनियों में शामिल भारतीय कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। कंपनी के सीईओ अदार पूनावाला के मुताबिक, भारत में भी इस वैक्सीन के ट्रायल के लिए कंपनी भारतीय औषधि महानियंत्रक को आवेदन करेगी।
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के प्रमुख अदार पूनावाला ने मीडिया को बताया है कि इस वैक्सीन के उत्पादन के लिए एक झटके में 200 मिलियन डॉलर कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि हालांकि ये कारोबारी फैसला जोखिम भरा हो सकता है, लेकिन इसकी जरूरत को देखते हुए यह फैसला किया गया है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की यह वैक्सीन भारत में नवंबर तक आने की उम्मीद है।
इसी हफ्ते मेडिकल जर्नल लांसेट मेडिकल जर्नल में वैक्सीन के ट्रायल के परिणाम प्रकाशित हुए हैं। इसमें कहा गया है कि वैक्सीन के ट्रायल के दौरान अच्छी प्रतिक्रिया मिली और यह किसी भी गंभीर साइड इफेक्ट का संकेत नहीं दे रहा है। वैक्सीन से एंटीबॉडी और टी सेल्स बन रही है, जो कोरोना से लड़ने में कारगर है।
सीरम इंडिया ने कहा है कि भारत में सभी लोगों को टीका लगाने में दो साल तक भी लग सकते हैं। सीईओ अदार पूनावाला के मुताबिक, भारत में कंपनी अगस्त में तीसरे चरण के ट्रायल के लिए आश्वस्त है। उन्होंने कहा, "हम आशा करते हैं कि इसे पूरा होने में दो से ढाई महीने लगेंगे और यह नवंबर तक पूरा हो जाएगा। सीरम इंस्टीट्यूट में निर्मित कोविशिल्ड का आधा स्टॉक भारत के लिए होगा।
कंपनी के सीईओ ने स्पष्ट कहा है कि प्रत्येक महीने लगभग 60 मिलियन शीशियों में से, भारत को 30 मिलियन मिलेंगे। उनके मुताबिक, यह वैक्सीन किफायती होगी और उम्मीद की जा रही है कि देश में सरकार ही वैक्सीन खरीद कर लोगों को टीकाकरण अभियान के जरिए नि:शुल्क उपलब्ध कराएगी। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक टीकाकरण नहीं किया जाता है, तबतक इस महामारी के खतरे की आशंका बरकरार रहेगी।
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