ये आहार रहेंगे ब्रेस्टफीडिंग को बढ़ाने में मददगार
By: Ankur Sat, 28 Mar 2020 09:05:33
किसी भी नवजात के लिए उसकी मां का दूध ही सर्वोतम आहार होता हैं जो कि पौष्टिक और गुणों से युक्त होता है। लेकिन देखा जाता हैं कि भारत में कई महिलाओं को दूध उत्पादन की समस्याओं का सामना करना पड़ता है जिससे बच्चे का सही विकास नहीं हो पाता हैं। ऐसे में जरूरी हैं कि महिला को ऐसे आहार का सेवन करना चाहिए जो माताओं में लैक्टेशन को बढ़ावा दे। आज हम आपके लिए कुछ ऐसे ही आहार लेकर आए हैं जिनकी मदद से माताओं में प्राकृतिक रूप से दूध के उत्पादन को बढ़ाया जा सकता है। तो आइये जानते हैं इन आहार के बारे में।
लौकी
यह सब्जी ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिला को अच्छी तरह से हाइड्रेटेड रखने में मदद करती है। लौकी पानी से भरा है, जो आपके शरीर को हाइड्रेटेड रखता है। साथ ही विटामिन सी, ए और के का एक समृद्ध स्रोत भी है और सोडियम, कैल्शियम, आयरन, जिंक और मैग्नीशियम जैसे आवश्यक खनिजों में भी समृद्ध है। इसीलिए लौकी का सेवन भी नई माताओं में दुग्ध उत्पादन करने में मदद करते हैं।
नट्स
ये सेरोटोनिन का एक उत्कृष्ट स्रोत हैं, जो लैक्टेशन को बढ़ाने में मदद करता है। साथ ही ये विटामिन और स्वस्थ ओमेगा- 3 फैटी एसिड से भरपूर होते हैं। ब्रेस्टफीडिंग के एक सत्र के बाद मुट्ठी भर काजू और बादाम को मिलाकर उसे बारीकी से पीसकर एक पाउडर बनाएं और स्मूदी और फ्रूट जूस में मिलाकर इसका सेवन करें।
लहसुन
यह ब्रेस्टफीडिंग कराने के लिए सबसे अच्छा खाद्य पदार्थों में से एक है। आहार में एक नया स्वाद प्रदान करने के अलावा, यह एक उत्कृष्ट पाचन के रूप में भी कार्य करता है।
मेथी
मेथी के बीज और पत्ते दोनों ही ब्रेस्टमिल्क उत्पादन को बेहतर बनाने के लिए बेहद उपयोगी हैं। मेथी एक गैलेक्टागॉग साबित हुआ है जिसका अर्थ है कि इनके बीजों के सेवन से महिलाओं में लैक्टेशन ग्रंथियों को प्रोत्साहित करेगा, जिससे दूध की आपूर्ति बढ़ जाएगी। चूंकि इसका सेवन करना आसान है और इसे कई रूपों में खाया जा सकता है।
पालक
यह आयरन का एक उत्कृष्ट स्रोत है। आयरन ऊर्जा को बहाल करने और एनीमिया और कमजोरी से लड़ने में मदद करता है। किसी भी संक्रमण से बचने के लिए, खासकर मानसून के दौरान, पालक को सेवन से पहले अच्छी तरह से उबाला जाना चाहिए।
सौंफ
सौंफ या सौंफ के बीज फाइबर युक्त होने के अलावा, यह पोटेशियम, फोलेट, विटामिन सी, विटामिन बी-6 और फाइटोन्यूट्रिएंट से भी भरा हुआ है। साथ ही इनमें ओस्ट्रोजेनिक गुण होते हैं। इसीलिए सौंफ भी नई माताओं में दुग्ध उत्पादन में मदद करते हैं।