आपको कैंसर का शिकार बना सकती हैं रसोई में रखी ये 12 चीजें, जानें कैसे करें बचाव
By: Ankur Tue, 22 Sept 2020 12:08:56
कैंसर आज दुनियाभर के लिए बड़ी समस्या बना हुआ हैं जो की खतरनाक बीमारी है। सही समय पर इसका पता नहीं चल पाता हैं तो यह जानलेवा साबित हो सकती हैं। लोगों का मानना हैं कि सिर्फ शराब, सिगरेट या तंबाकू की वजह से ही कैंसर हो सकता हैं जबकि ऐसा नहीं हैं। हांलाकि ये चीजें कैंसर को बढ़ावा देती हैं लेकिन इनके अलावा भी रोजमर्रा की कई ऐसी चीजें हैं जिनकी वजह से कैंसर का खतरा बना रहता हैं। आज इस कड़ी में हम आपको आपकी रसोई से जुड़ी कुछ ऐसी वस्तुओं और आदतों के बारे में बताने जा रहे हैं जो आपको कैंसर का शिकार बना सकती हैं।
अत्यधिक गर्म चाय पीना
भारतीय, खासतौर पर ठंड के मौसम में गर्मा-गर्म चाय के बिना नहीं रह सकते। मगर शोध के मुताबिक, गर्म चाय पीने से इसोफेगल कैंसर का खतरा बढ़ जाता है जोकि भारत में छठा और दुनिया में आठवां सबसे ज्यादा होने वाला कैंसर है। अगर आप भी चुल्हे से उतरी गर्मा-गर्म चाय पीने को शौकीन है तो सावधान हो जाएं। 75 डिग्री सेल्सियस या इससे अधिक तापमान पर चाय न ही पीएं तो बेहतर होगा।
हीटिंग टेकआउट कंटेनर
टेकआउट कंटेनर जैसे नॉन-स्टिक में भोजन को कभी भी गर्म न करें। शोध के अनुसार, 90% शहरी लोग इन बर्तनों का इस्तेमाल करते हैं लेकिन इससे भी आप कैंसर की चपेट में आ सकते हैं। दरअसल, तेज फेलम पर इन कंटेनर पर खाना गर्म करने से यह PFCs कोटिंग पर असर डालता है, जिससे इसके जहरीले रसायन खाने में शामिल हो जाती हैं। यह तत्व पेट में जाकर कैंसर, लीवर और डाइजेस्टिव सिस्टम जैसी परेशानियों का कारण भी बनता है। इसकी बजाए खाने बनाने के लिए कॉपर, तांबे, लौहे या स्टील के बर्तनों का यूज करें।
प्लास्टिक का सामान
प्लास्टिक का सामान जैसे बर्तन, बोतलें व अन्य चीजें बनाने के लिए बिस्फेनॉल ए (बीपीए) नामक रासायनिक यौगिक का यूज किया जाता है, जो खान-पान के जरिए शरीर में जाकर कैंसर सेल्स को बढ़ाते हैं। वहीं जब प्लास्टिक कंटेनरों में खाना गर्म किया जाता है तो इससे निकलने वाले टॉक्सिंस इंसुलिन को बढ़ाकर फैट सेल्स को रिलीज करते हैं, जो कैंसर की वजह बनते हैं। मिट्टी, स्टील, तांबे या कांच से बने बर्तनों व बोलतों का इस्तेमाल करें।
किचन का गंदा कपड़ा
भारतीय महिलाएं अपने किचन को साफ-सुथरा रखना रखती हैं लेकिन वो क्लीनिंग के लिए यूज होने वाले डस्टिंग क्लॉथ को साफ नहीं करती, जो सबसे ज्यादा गंदा होता है। रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय रसोई में यूज होने वाला क्लीनिंग कपड़ा 98% प्रदूषित होता हैं, जो फूड प्वाइजनिंग के साथ कैंसर का कारण भी बन सकता है। कपड़े को रोजाना डिटर्जेंट से साफ करें और धूप में सुखाएं। इससे कपड़ें के सारे कीटाणु मर जाएंगे।
गंदा व टैप वॉटर
इन दिनों, हवा से पानी तक सब कुछ प्रदूषित है। नल का पानी जिसे आप रोजाना पीते हैं वो भी आपको कैंसर जैसी बीमारी दे सकता है। दरअसल, नल का पानी में कई ऐसे कीटाणु और जहरीले तत्व पाए गए हैं, जो कैंसर सेल्स को बढ़ावा देते हैं। नल का पानी पीने से पहले उसे अच्छी तरह छान व उबाल लें।
प्रोसेस्ड मीट व फूड्स
प्रोसेस्ड मीट से कोलोरेक्टल और पेट के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। एक शोध के मुताबिक, 10% लोग सिर्फ प्रोसेस्ड फूड की वजह से कैंसर का शिकार हो रहे हैं। दरअसल, इनमें शुगर, तेल या फैट की मात्रा बहुत ज्यादा होती है, कैंसर का खतरा बढ़ाते हैं। स्वस्थ रहने और कैंसर से बचने के लिए प्रोसेस्ड मीट के सेवन कम करें।
फर्मेंटेड व डिब्बा बंद फूड्स
किण्वित खाद्य पदार्थ (Fermented Foods) में नाइट्राइट और नाइट्रेट की उच्च मात्रा होती है। वहीं डिब्बा बंद फूड्स में बिसफेनोल ए नामक कैमिकल पाया जाता है, जोकि कैंसर का कारण बनता है। फर्मेंटेड फूड्स में बाजारी दही, अचार, ब्रेड, चीज, इडली और सॉस शामिल है। बाजार की बजाए घर पर ही दही, अचार और सॉस बनार खाएं। घर का बना खाना खाएं।
रिफाइंड ऑयल
तेल को रिफाइंड व इसकी तीखी गंध को दूर करने के लिए कई सारे एसिड यूज होते हैं। जब रिफाइंड तेल को गर्म किया जाता है तो ये ट्रांस फैट को ऑक्सीडाइज व रिलीज करता है, जो कैंसर और दिल के रोगों का कारण बन सकता है। खाना बनाने के लिए सरसों के तेल का इस्तेमाल करें। इससे कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल में रहता है और कैंसर का खतरा भी कम होता है।
एल्युमिनियम फॉयल
फॉयल में करीब 250 मि।ली। एल्यूमीनियम होता है जबकि शरीर को सिर्फ 50 मि।ली। एल्यूमीनियम चाहिए होता है। एल्यूमीनियम की ज्यादा मात्रा बॉडी में जिंक के अवशोषण में समस्या पैदा करती है, जो कैंसर का जोखिम बढ़ाती है। इसकी बजाए बटर पेपर या सूती कपड़े का यूज करें।
केमिकल युक्त फल व सब्जियां
आप बाजार से जिस फल व सब्जी को ताजा समझकर घर ले आते हैं, उनमें बहुत से केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है। कई बार धोने से भी यह केमिकल साफ नहीं होते और कैंसर का कारण बनते हैं। इससे बचने के लिए आप ऑर्गेनिक फल और सब्जियों का इस्तेमाल कर सकते हैं या घर पर ही सब्जियां उगाएं।
टूटी हुई क्रॉकरी
महिलाएं अक्सर अपनी पसंदीदा क्राकरी को टूटने के बाद भी नहीं फेंकती लेकिन इससे आप कैंसर की चपेट में आ सकती हैं। दरअसल, टूटी हुई क्रॉकरी अच्छी तरह साफ नहीं होती और कीटाणु इसके छोटे खांचे में बस जाते हैं। यही कीटाणु आपको कैंसर दे सकते हैं। इसे जल्द नई क्रॉकरी के साथ बदलें।
प्लास्टिक चॉपिंग बोर्ड
शोध के अनुसार, प्लास्टिक चॉपिंग बोर्ड में बीमारी पैदा करने वाले बैक्टीरिया होते हैं जो आगे चलकर पेट में संक्रमण का कारण बन सकते हैं। वहीं प्लास्टिक में मौजूद हानिकारक तत्व भी खाने में मिल जाते हैं जो कैंसर जैसी बीमारियों को जन्म देते हैं। प्लास्टिक की बजाए लकड़ी के चॉपिंग बोर्ड पर सब्जियां काटें।
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