पॉटी करते समय क्या आपको भी लगाना पड़ता है ज्यादा दम और समय? परेशान कर सकती हैं वजह
By: Ankur Thu, 25 June 2020 4:43:38
हमारे दैनिक दिनचर्या का महत्वपूर्ण काम हैं पॉटी करना जो कि शरीर से अपशिष्ट पदार्थो को बाहर निकालने की क्रिया होती हैं। आपने कई लोगों को देखा होगा जिन्हें इस क्रिया में बहुत देर लगती हैं या आपको ही इसके दौरान ज्यादा दम लगाना पड़ता हो ताकि सही से पेट साफ़ हो जाए। लेकिन आपको यह जानना जरूरी हैं कि जो लोग बाथरूम में बहुत अधिक वक्त लगाते हैं ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर (OCD) या इरिटेबल बॉल सिंड्रोम (IBS) या डिल्यूजनल डिसऑर्डर की समस्या हो सकती है।
ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर OCD के लक्षण
जो लोग ओसीडी से ग्रसित होते हैं उन्हें रीपिटेड थॉट्स आते हैं यानी कि उन्हें एक ही तरह के विचार बार-बार आते रहते हैं। ये विचार उन्हें परेशान करते हैं और उन विचारों के अनुसार ही वे एक काम को बार-बार करते रहते हैं। जैसे, कोई व्यक्ति बार-बार हाथ धोता रहता है। कई बार तो यह दिक्कत इतनी बढ़ जाती है कि व्यक्ति एक दिन में साबुन की एक-एक टिक्की तक खत्म कर देता है!
पॉटी धोना और फिर प्रेशर लगाना
ओसीडी के कुछ मरीजों को ना सिर्फ नहाने में बल्कि पॉटी जाने में भी बहुत वक्त लगता है। कुछ पेशंट तो पॉटी जाने और नहाने में ही 5 से 6 घंटे लगा देते हैं। इन्हें बार-बार लगता है कि अभी इनका पेट साफ नहीं हुआ है और ये फिर प्रेशर लगाते हैं, क्लिनिंग के बाद खड़े होते हैं और फिर लगने लगता है कि अभी भी प्रेशर आ रहा है। यही क्रम चलता रहता है, जब तक कि इन्हें यकीन ना हो जाए कि अब सब ठीक है। पेट साफ हो गया है।
हालांकि कई बार ये इस अफसोस के साथ ही बाहर आते हैं कि अब तक पेट ठीक से साफ नहीं हुआ है। यह सोच इन्हें पूरे दिन असहज बनाकर रखती है। इन्हें किसी भी काम पर फोकस करने में दिक्कत आती है और इनका ध्यान बार-बार इस बात पर जाता रहता है कि पेट साफ नहीं हुआ है, पेट भारी हो रहा है, पेट फूल रहा है या पेट में कुछ अजीब हो रहा है।
इरिटेबल बॉल सिंड्रोम
Irritable Bowel Syndrome एक ऐसी मानसिक दिक्कत है, जो ऐंग्जाइटी डिसऑर्डर से संबंधित होती है। इसमें भी पीड़ित व्यक्ति को बाथरूम में ज्यादा वक्त लगता है लेकिन यह सिंड्रोम ओसीडी से टेक्निकली अलग होता है। क्योंकि ओसीडी का पेशंट एक बार बाथरूम में जाता है तो कई घंटे बिताकर बाहर आता है जबकि इरिटेबल बॉल सिंड्रोम का पेशंट बार-बार बाथरूम में जाता है।
बार-बार यूरिन और पॉटी आना
इरिटेबल बॉल सिंड्रोम से ग्रसित मरीज को बार-बार यह अहसास होता है कि उसे यूरिन आ रहा है या पॉटी का प्रेशर बन रहा है। जबकि वास्तव में ऐसा होता नही है और मरीज बार-बार बाथरूम के चक्कर लगाता रहता है। ऐसे में वह बहुत अधिक मानसिक दबाव महसूस करता है और उसकी कार्यक्षमता भी कम होती जाती है।
इरिटेबल बॉल सिंड्रोम और पेट की बीमारियां
इरिटेबल बॉल सिंड्रोम से जूझ रहे व्यक्ति को पेट में मरोड़ आना यानी क्रैंप्स, पेट दर्द, हर वक्त गैस पास होना या पेट फूलने जैसी समस्या लगना, डायरिया या कॉन्स्टिपेश या बहुत जल्दी-जल्दी दोनों बीमारियों की शिकायत भी हो सकती है।