अपने मां के लिए रहते हैं फिक्रमंद, तो Premature Ovarian Failure के बारे में जानना बहुत जरूरी

By: Ankur Tue, 21 Jan 2020 5:48:04

अपने मां के लिए रहते हैं फिक्रमंद, तो Premature Ovarian Failure के बारे में जानना बहुत जरूरी

यह तो सभी जानते हैं कि मेनॉपॉज यानी मंथली साइकिल या मासिक चक्र महिलाओं के जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं जो कि एक समय अंतराल के बाद आता ही हैं। लेकिन यह 40 की उम्र या इससे पहले आना बंद हो जाए तो सेहत के लिए खतरनाक हो सकता हैं। ऐसे में अपनी मां की सेहत का ख्याल रखना और डॉक्टर से उचित सलाह लेना आपकी जिम्मेदारी बनती हैं क्योंकि जैसे-जैसे उनकी उम्र बढ़ने लगती है वे कई तरह की बीमारियों से भी घिरने लगती हैं।

वहीं, जिन महिलाओं में मेनॉपॉज 50 से 55 साल की उम्र में होता है, उन्हें 60 साल की उम्र में हार्ट संबंधी बीमारियां और शुगर की बीमारी होने का खतरा तीन गुना तक कम हो जाता है। पूर्व में हुई स्टडीज के मुताबिक उच्च आय वाले देशों में मेनॉपॉज के बाद महिलाएं अपने जीवन के एक-तिहाई हिस्से को इंजॉय करती हैं। जबकि 'ह्यूमन रीप्रॉडक्शन' जर्नल में प्रकाशित हुई एक ताजा स्टडी में कुछ नई बातें सामने आई हैं। स्टडी ऑथर्स के मुताबिक, नैचरल तरीके से मेनॉपॉज के समय और मल्टीपल मेडिकल कंडीशंस की शुरुआत के बीच लिंक से जुड़ी यह अपनी तरह की पहली स्टडी है।

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शोध के लिए ऑस्ट्रेलियन नैशनल हेल्थ सर्वे द्वारा इक्ट्ठा किया गया पांच हजार से अधिक महिलाओं का टेडा उपयोग किया गया। इन महिलाओं ने 1996 से 2016 के बीच इस बात की सूचना दी कि क्या उन्हें डायबीटीज, स्ट्रोक, गठिया, डिप्रेशन, ञस्टियोपोरोसिस, अस्थमा या ब्रेस्ट कैंसर जैसी करीब 11 बीमारियों का सामना तो नहीं करना पड़ा। पूरे 20 साल किए गए इस अध्ययन में सामने आया कि जिन महिलाओं में प्रीमेच्योर मेनॉपॉज हुआ था, उनमें मल्टीमोर्बिडिटी यानी मेनॉपॉज के बाद होनेवाली एक से अधिक दिक्कतें देखने को मिलीं।

क्वींसलैंड विश्वविद्यालय, ब्रिस्बेन में सेंटर फॉर लॉन्गिट्यूडिनल ऐंड लाइफ कोर्स रिसर्च की निदेशक और इस शोध की सीनियर ऑर्थर गीता मिश्रा का कहना है कि हमारी रिसर्च में सामने आया है कि मल्टीमॉर्बिडिटी मिड ऐज और उम्रदराज महिलाओं में काफी कॉमन है। साथ ही प्रीमेच्यॉर मेनॉपॉज इन महिलाओं में मल्टीमॉर्बिडिटी की समस्या का रिस्क बढ़ा देता है। इस बारे में शोधकर्ताओं का कहना है कि जो महिलाएं प्राकृतिक तौर पर मेनॉपॉज की स्थिति से गुजर रही हों, उन्हें भी डॉक्टर्स से हेल्थ संबंधी गाइडेंस लेनी चाहिए। ताकि आगे चलकर सेहत से जुड़ी दूसरी समस्याओं का रिस्क कम किया जा सके।

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