कोरोना की इस रिसर्च के नतीजे डराने वाले, आपके ये अंग हो रहें बर्बाद

By: Ankur Tue, 25 Aug 2020 5:18:17

कोरोना की इस रिसर्च के नतीजे डराने वाले, आपके ये अंग हो रहें बर्बाद

इस समय देश-दुनिया कोरोना के कहर से जूझ रही हैं और संक्रमण के साथ मौत का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा हैं। कोरोना शरीर के कई हिस्सों पर असर डालता हैं और उन्हें खराब कर रहा हैं। इस्कोलेकर भी लगातार रिसर्च किए जा रहे हैं कि किस तरह कोरोना को हराया जाए। आज इस कड़ी में हम आपको कोरोना से जुड़ी रिसर्च के बारे में बताने जा रहे हैं जो कि द लैंसेट माइक्रोब में प्रकाशित की गई जिसके अनुसार वायरस के कारण जिन मरीजों की मौत हुई, उनके फेफड़ों और किडनियों पर चोट के निशान थे। इंग्लैंड में कोविड 19 मरीजों पर हुई पोस्टमार्टम एग्जामिनेशन पर इंपीरियल कॉलेज लंदन और इंपीरियल कॉलेज हेल्थकेयर एनएचएस ट्रस्ट ने यह स्टडी की। इस स्टडी में मामलों की संख्या कम थी, लेकिन यह पोस्टमार्टम एग्जामिनेशन की सबसे बड़ी स्टडी बताई जा रही है। शोधकर्ताओं का दावा है कि इस स्टडी से मरीजों के इलाज में मदद मिलेगी।

Health tips,health tips in hindi,health research,corona research,coronavirus,coronavirus damage human organ ,हेल्थ टिप्स, हेल्थ टिप्स हिंदी में, हेल्थ रिसर्च, कोरोना रिसर्च, कोरोनावायरस, कोरोना से अंगों को नुकसान

इस स्टडी में 10 जांच की गईं थीं, जिनमें से नौ मरीजों के दिल, किडनी या फेफड़े में थ्रोम्बोसिस यानी खून का थक्का मिला, जबकि एक मरीज की जांच नहीं की जा सकी। इस स्टडी के सह लेखक डॉ. माइकल ऑस्बर्न ने कहा कि यह अपनी तरह की देश की पहली स्टडी है, जो कोविड के गंभीर मामलों में फेफड़ों में चोट, थ्रोम्बोसिस और इम्यून सेल का कम होने की थ्योरी का समर्थन करती है।

इंपीरियल कॉलेज एनएचएस ट्रस्ट के अस्पतालों में मार्च से जून के बीच शोधकर्ताओं की टीम ने पोस्टमार्टम एग्जामिनेशन किए। इस स्टडी में 22 से 97 साल की उम्र के बीच की चार महिलाएं और सात पुरुष शामिल थे। डॉ. ऑस्बर्न ने बताया कि जांच किए जा रहे मरीजों में हमने किडनी की चोट और आंतों की सूजन भी देखी।

Health tips,health tips in hindi,health research,corona research,coronavirus,coronavirus damage human organ ,हेल्थ टिप्स, हेल्थ टिप्स हिंदी में, हेल्थ रिसर्च, कोरोना रिसर्च, कोरोनावायरस, कोरोना से अंगों को नुकसान

स्टडी के मुताबिक, मरीजों की मौत के पीछे सबसे आम कारण उच्च रक्तचाप और क्रोनिक ऑबस्ट्रेक्टिव पल्मोनरी डिजीज यानी फेफड़ों में होने वाली परेशानियां थीं। सभी मरीजों को बुखार हुआ था और कम से कम दो रेस्पिरेटरी लक्षण(खराश और सांस की तकलीफ आदि) नजर आए थे। अधिकतर मरीजों की मौत तीन हफ्ते के अंदर हो गई थी।

स्टडी में मिली बड़ी जानकारियां

- 10 में से नौ मरीजों के किसी एक बड़े अंग में खून के थक्के जमे थे। आठ मरीजों के फेफड़ों, पांच के दिल और चार मरीजों की किडनी में खून के थक्के मिले।
- मरीजों में रेनल ट्यूब्युलर चोट के प्रमाण मिले। यह चोट किडनी फेल या डैमेज होने का कारण बनती है।
- दो मरीजों में गंभीर पेन्क्रिएटाइटिस मिले। इसमें व्यक्ति की आंतों में सूजन आ जाती है। इसका इलाज नहीं होने से ऑर्गन फेल्योर का कारण बनता है। हालांकि स्टडी में यह स्पष्ट नहीं था कि मरीजों में पेन्क्रिएटाइटिस का कारण संक्रमण था या कुछ और।
- एक मरीज में शोधकर्ताओं को म्यूकर माइकोसिस नाम का एक दुर्लभ फंगल इंफेक्शन भी मिला। यह ऐसा संक्रमण है जो खून के जरिए फैलता है।

ये भी पढ़े :

# रूस ला रहा कोरोना की एक और वैक्सीन, जानें इसके बारे में

# अब संक्रमित मां के दूध से आइस क्यूब बनाकर किया जाएगा कोरोना मरीजों का इलाज : शोध

# कब्ज की पुरानी समस्या से भी छुटकारा दिलाएंगे ये 5 घरेलू उपाय, जानें और आजमाए

# क्या आपको भी करना पड़ा रहा है बरसात में फंगल इंफेक्शन का सामना, आजमाए ये 5 उपाय

# इन सुपरफूड्स की मदद से बनाए अपने दिमाग को मजबूत, तनाव नहीं भटकेगा आसपास

हम WhatsApp पर हैं। नवीनतम समाचार अपडेट पाने के लिए हमारे चैनल से जुड़ें... https://whatsapp.com/channel/0029Va4Cm0aEquiJSIeUiN2i

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2024 lifeberrys.com