अस्थमा के घरेलु इलाज...
By: Ankur Mon, 23 Oct 2017 7:24:00
दीवाली के समय घर कि सफाइयों में धुल-मिटटी के कारण अस्थमा के रोगियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। इस रोग को दमा के नाम से भी जानते है जिसमें सांस फूलने और सांस लेने में दिक्कत जैसी समस्या आती है। अस्थमा का रोग महिला, पुरुष और बच्चे किसी को भी हो सकता है। इसका अटैक तब होता है जब फेफड़ों में वायु के प्रभाह में कोई बाधा आ जाती है। सांस की बीमारी और अस्थमा से होने वाली परेशानी को घरेलु नुस्खे और उपाय से कम कर सकते है और इस रोग को कंट्रोल किया जा सकता है। आइये जानते हैं कुछ ऐसे उपायों के बारे में।
* एक कप मैथी का बना काढ़ा, थोड़ा सा शहद और एक चम्मच अदरक का रस मिला ले। ये होम रेमेडी अस्थमा का उपचार करने में काफी फायदेमंद है।
* अदरक को स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। अस्थमा को ठीक करने में भी यह मदद करता है। शोधों से यह पता चला है कि अदरक फेफड़ों में इन्फ्लामेशन को रोकता है और सांसो के रास्ते में आने वाले बलगम को कम करता है।
* दमा रोगी पानी में अजवाइन मिलाकर इसे उबालें और पानी से उठती भाप लें, यह घरेलू उपाय काफी फायदेमंद होता है। 4-5 लौंग लें और 125 मिली पानी में 5 मिनट तक उबालें। इस मिश्रण को छानकर इसमें एक चम्मच शुद्ध शहद मिलाएँ और गरम-गरम पी लें। हर रोज दो से तीन बार यह काढ़ा बनाकर पीने से मरीज को निश्चित रूप से लाभ होता है।
* गर्म कॉफी पीने से भी दमा की बीमारी में राहत मिलती है। कॉफी से साँस लेने वाली नली साफ़ होती है जिससे सांस लेने में दिक्कत नहीं आती।
* अंजीर में पोषण प्रदान करने वाले गुण होते हैं जो रेस्पिरेटरी सिस्टम ठीक करते हैं और साँस लेने में होने वाली कठिनाइयों को ठीक करते हैं।
* थोड़ा सा कपूर सरसों के तेल में डाल कर गरम कर ले और ठंडा होने के बाद इससे कमर और छाती की मालिश करे। हर रोज इस तेल से मालिश करने पर दमा के लक्षण कम होने लगते है।
* अस्थमा के लक्षणों के उपचार में शुद्ध नीलगिरी का तेल काफी कारगर होता है क्योंकि इसमें होती हैं जो एलर्जी को कम करती हैं। शोधों से यह पता चला है कि नीलगिरी के तेल में नामक केमिकल होता है जो बलगम (म्यूकस) को कम करने में मदद करता है।