ग्रंथियों को संतुलित करता है हलासन, जानें इसकी विधि और फायदे
By: Ankur Sun, 21 June 2020 12:36:33
आज 21 जून हैं जिसे पूरी दुनिया में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया जा रहा हैं। वैसे तो इस दिन को बड़े उत्सव के रूप में मनाया जाता हैं। लेकिन इस बार कोरोना वायरस के चलते सभी अपने घर पर योग कर इस दिन को मना रहे हैं। कोरोना के कहर के इस समय में योग जरूरी भी हो जाता हैं। योग में कई तरह के आसन होते है। आज इस कड़ी में हम आपके लिए हलासन करने की विधि और फायदे के बारे में बताने जा रहे हैं। तो आइये जानते हैं इसके बारे में।
हलासन करने की विधि
पीठ के बल सीधे लेट जायें। बाज़ुओं को सीधा पीठ के बगल में ज़में पर टिका कर रखें। साँस अंदर लेते हुए दोनो टाँगों को उठा कर “अर्ध-हलासन” में ले आयें। कोहनियों को ज़मीन पर टिकाए हुए दोनो हाथों से पीठ को सहारा दें। इस मुद्रा में 1-2 साँस अंदर और बाहर लें और यह पक्का कर लें की आपका संतुलन सही है। अब टाँगों को बिल्कुल पीछे ले जायें। दृष्टि को नाक पर रखें। अगर आपको यह करने से दिक्कत होती है संतुलन बनाए रखने में तो दृष्टि को नाभी पर भी रख सकते हैं। अगर आपके कंधों में पर्याप्त लचीलापन हो तो हाथों को पीछे ले जा कर जोड़ लें। अगर यह संभव ना हो तो उन्हे पीठ को सहारा देती हुई मुद्रा में ही रखें। अपनी क्षमता के मुताबिक 60 से 90 सेकेंड तक इस मुद्रा में रहें और फिर धीरे से पैरों को वापिस ले आयें। शुरुआत में कम देर करें (30 सेकेंड भी पर्याप्त है) और धीरे धीरे समय बढ़ायें।
हलासन करने के फायदे
- दिमाग़ को शांत करता है।
- पेट के अंगों और थायरॉयड ग्रंथि को उत्तेजित करता है।
- कंधो और रीढ़ की हड्डी में खिचाव पैदा करता है।
- तनाव और थकान कम कर देता है।
- पीठ में दर्द, सिर दर्द, बांझपन, अनिद्रा और साइनसाइटिस के लिए चिकित्सीय।