कहीं आपके लिए चिंता का कारण ना बन जाए कोरोना को लेकर वैज्ञानिकों का यह दावा
By: Ankur Mon, 27 July 2020 1:48:31
बढ़ता कोरोना का कहर पूरी दुनिया में अशांति का माहौल पैदा कर रहा हैं. दुनियाभर में 1.65 करोड़ लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं और देशभर में 14 लाख से अधिक लोग इसका कहर झेल रहे हैं। ऐसे में समय रहते इसकी वैक्सीन बनना जरूरी हैं।लेकिन जबतक वैक्सीन नहीं बन जाती तब तक इससे बचाव बहुत जरूरी हैं। ऐसे में कोरोना को लेकर लगातार रिसर्च जारी हैं और रोज नई रिसर्च सामने आती हैं। ऐसी ही एक चिंता बढ़ाने वाली रिसर्च सामने आई हैं जिसमें वैज्ञानिकों का दावा है कि गंजेपन के शिकार लोगों के लिए कोरोना वायरस और भी ज्यादा जानलेवा है। आइए जानते हैं किस आधार पर यह रिपोर्ट बनाई गई है और बाल झड़ने की समस्या झेल रहे लोग आखिर किस तरह कोरोना से बचाव कर सकते हैं?
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि गंजेपन के शिकार लोगों में कोरोना संक्रमण के खतरे की संभावना 40 फीसदी तक हो सकती है। इस निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले वैज्ञानिकों ने ब्रिटेन के अस्पताल में भर्ती 2000 मरीजों की जांच की। इस जांच में यह सामने आया है कि बाल झड़ने की समस्या झेल रहा हर पांचवां व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव है जबकि यह समस्या ना झेल रहे 15 फीसदी लोग ही पॉजिटिव पाए गए।
गंजेपन के शिकार लोगों पर यह रिपोर्ट वेस्ट वर्जीनिया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने तैयार की है, जिसे 'अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्माटालॉजी' में प्रकाशित किया गया है। शोध के लिए वैज्ञानिकों ने चार अलग-अलग ग्रुप बनाए थे। इसमें पहले ग्रुप में उन लोगों को रखा गया था, जो गंजेपन के शिकार नहीं थे। फिर दूसरे ग्रुप में वैसे लोगों को, जिनको बाल झड़ने की मामूली समस्या थी जबकि तीसरे ग्रुप में बाल झड़ने की थोड़ी और ज्यादा समस्या वाले लोगों को और चौथे ग्रुप में गंभीर रूप से बाल झड़ने की समस्या झेल रहे लोगों को रखा गया था।
शोध का परिणाम यह निकला कि पहले ग्रुप में 15 फीसदी लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए जबकि दूसरे ग्रुप में 17 फीसदी लोग। इसी तरह तीसरे ग्रुप में 18 फीसदी लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए जबकि चौथे ग्रुप में 20 फीसदी से भी ज्यादा लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई।
शोध के परिणामों के आधार पर डॉ. माइकल कोलोड्नी और उनके सहयोगी इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि गंजेपन के शिकार लोगों में कोरोना के खतरे की संभावना 40 फीसदी तक हो सकती है। इसके पीछे उनका तर्क ये है कि हार्मोन की समस्या के चलते ही कोरोना वायरस कोशिकाओं में प्रवेश करता है और व्यक्ति को संक्रमित कर देता है।
फिलहाल कोरोना वायरस का वैक्सीन बाजार में उपलब्ध नहीं है, लेकिन वैज्ञानिक दावा कर रहे हैं कि उन्होंने वैक्सीन बना ली है और सितंबर तक बाजार में आ जाएगी। भारत, चीन, अमेरिका, ब्रिटेन, रूस और ऑस्ट्रेलिया समेत दुनिया के कई देशों के वैज्ञानिक इसपर काम कर रहे हैं। अब देखना होगा कि कब तक वैक्सीन आम लोगों तक पहुंच पाती है।
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