'पद्मावती' टिप्पणियों पर सुप्रीम कोर्ट ने मंत्रियो को लगाई फटकार
By: Priyanka Maheshwari Tue, 28 Nov 2017 4:54:45
सर्वोच्च न्यायालय ने हिंदी फिल्म 'पद्मावती' पर आधिकारिक पदों पर बैठे लोगों द्वारा की जा रही टिप्पणियों को लेकर मंगलवार को आपत्ति जताई। न्यायालय ने कहा कि यह कानून का उल्लंघन है। न्यायालय ने कहा कि जिम्मेदार पदों पर बैठे लोग फिल्म पर टिप्पणी न करें, क्योंकि इसका सेंसर बोर्ड पर प्रतिकूल प्रभाव हो सकता है।
प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति डी.वाई.चंद्रचूड की पीठ ने कहा, "हम कानून के शासन से शासित हैं।"
पीठ ने कहा, "जब केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के समक्ष मामला लंबित हो तो किसी जिम्मेदार पद पर बैठे किसी भी व्यक्ति को कोई टिप्पणी नहीं करनी चाहिए, क्योंकि यह कानून के शासन के सिद्धांत का उल्लंघन होगा।"
न्यायालय ने वकील मनोहर लाल शर्मा की उस याचिका को भी रद्दी की टोकरी में डाल दिया, जिसमें फिल्म 'पद्मावती' की विदेश में रिलीज पर आपत्ति जताई गई थी।
शर्मा की याचिका पर आपत्ति जताते हुए अदालत ने कहा कि यह अवांछित है।
देशभर में फिल्म की रिलीज का कई संगठन विरोध कर रहे हैं। संगठनों ने भंसाली पर ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया है। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपानी ने 22 नवंबर को घोषित किया कि उनकी सरकार राज्य में होने वाले चुनावों के मद्देनजर 'पद्मावती' को रिलीज करने की अनुमति नहीं देगी।
इससे पहले मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी राजपूत रानी पद्मावती के जीवन पर बनी फिल्म को राज्य में रिलीज नहीं होने देने की घोषणा कर चुके हैं।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फिल्म के निर्देशक को राजपूत समुदाय की भावना से खिलवाड़ करने वाला बताया है, वहीं राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने फिल्म से आपत्तिजनक दृश्यों को हटाए जाने की मांग की है।
वही अभिनेता-राजनेता शत्रुघ्न सिन्हा ने ट्विट के जरिये अपनी राय व्यक्त करतें हुए फिल्म 'पद्मावती' के विवाद पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बिग बी की चुप्पी पर निशाना सादा। शत्रुघन ने बुधवार को ट्वीट किया, "चूंकि पद्मावती एक ज्वलंत मुद्दा बन गया है, लोग पूछ रहे हैं कि महान अभिनेता अमिताभ बच्चन, सबसे बहुमुखी अभिनेता आमिर खान और सबसे लोकप्रिय अभिनेता शाहरुख खान की इस पर कोई टिप्पणी क्यों नहीं आई है। और हमारे सूचना प्रसारण मंत्री और हमारे सबसे लोकप्रिय माननीय प्रधानमंत्री इस पर चुप्पी क्यों साधे हुए हैं।"