'अक्टूबर', पहला दिन बॉक्स ऑफिस, धीमी शुरुआत, कमाई उम्मीद से कम
By: Priyanka Maheshwari Sat, 14 Apr 2018 3:32:16
वरुण धवन और बनिता संधू स्टारर फिल्म ‘अक्टूबर‘ ने कल ही सिनेमाघरों में दस्तक दी है। इस फिल्म के ट्रेलर और गानों को दर्शकों का काफी अच्छा रिस्पॉन्स मिला था। लेकिन फिल्म में एक भी गीत नहीं दिखाया गया। बिना गीतों की धीमी गति की फिल्म को देखना पूरी तरह से ऊबाउ नजर आई। साथ ही ट्रेलर में जिन दृश्यों को दिखाया गया यहाँ फिल्म में वो भी पूरे नहीं थे। वैसे इस फिल्म को लेकर ट्रेड एक्सपर्ट ने उम्मीद लगाई थी कि पहले वीकेंड में यह फिल्म लगभग 20 से 25 करोड़ तक की कमाई कर लेगी और अगर पहले दिन कि बात कि जाये तो यह फिल्म 7 करोड़ के आसपास कमाई कर सकती है लेकिन रिलीज के पहले वरुण धवन की फिल्मों का जो क्रेज बनता है वो ‘अक्टूबर’ के रिलीज के पहले नहीं बन पाया। सभी जानते हैं कि यह फिल्म वरुण की अब तक की गई मसाला फिल्मों से अलग है। यह एक संजीदा फिल्म है और इसका दर्शक वर्ग अलग है, लिहाजा इस फिल्म की ओपनिंग वैसी नहीं होगी जैसी वरुण की फिल्मों की हुआ करती है। 13 अप्रैल को ‘अक्टूबर’ रिलीज हुई और फिल्म की ओपनिंग उम्मीद से भी कम रही।
बता दें कि इस फिल्म का पहले दिन का कलेक्शन सामने आ चुका है। ट्रेड एक्सपर्ट तरण आदर्श ने सोशल मीडिया पर फिल्म के पहले दिन की कमाई की जानकारी दी है। तरण ने ट्विटर पर जानकारी दी है कि अक्टूबर की शुरुआत धीमी रही है। अगर फिल्म को वीकेंड तक अच्छी खासी कमाई करनी है तो इसे सिनेमाघरों में अच्छा प्रदर्शन करना होगा। बता दें कि वरुण की इस फिल्म ने पहले दिन कुल 5.04 करोड़ की कमाई की है।
#October has a slow start... Biz will have to witness miraculous growth over the weekend + maintain a strong trend on weekdays to leave a mark... Word of mouth is extremely mixed... Fri ₹ 5.04 cr. India biz.
— taran adarsh (@taran_adarsh) April 14, 2018
वही फिल्म कि कहानी कि बात कि जाये तो ‘अक्टूबर’ की बेसिक स्टोरी लाइन 2013 में आए अमेरिकन ड्रामा ‘हर’ से प्रेरित है। ‘हर’ फिल्म को बेस्ट ओरिजनल स्क्रीनप्ले के लिए ऑस्कर अवॉर्ड से नवाजा गया था। ये फिल्म एक अकेले रहने वाले तनावग्रस्त शख्स की कहानी कहती है, जिसे आर्टिफीशियल इंटलीजेंस से प्यार हो जाता है। अब वरुण धवन की ‘अक्टूबर’ में भी यही बात है। डैन (वरुण धवन) जो कि एक होटल मैनेजमेंट का स्टूडेंट है उसे अपने ही होटल में काम करने वाली लडक़ी से प्यार हो जाता है। वह अपने सहकर्मियों से पूछता है कि क्या वह मेरे बारे में बात करती है ओर एक दिन फिर फिल्म की नायिका अस्पताल पहुंच जाती है। अब डैन जिसकी कभी नायिका से बात भी नहीं हुई है, उसका ख्याल रखने लगता है।
‘अक्टूबर’ में डैन के हमें दो रूप देखने को मिलते हैं। वह दुनियादारी और नियम-कायदों से चलने पर चिढ़ता है। वह ऐसी राह पर था जिस पर चलना उसे पसंद नहीं है, लिहाजा वह बात-बात पर उखडऩे लगता है। उसे किसी तरह का दबाव पसंद नहीं है और दबाव पडऩे पर वह फट जाता है।
डैन का होटल से अलग रूप हॉस्पिटल में देखने को मिलता है। यहां उसकी अच्छाइयां नजर आती हैं। वह शिउली के ठीक होने की आशा उसके परिवार वालों में जगाए रखता है। होटल में नियम तोडऩे वाले डैन को जब हॉस्पिटल में बिस्किट खाने से रोका जाता है तो वह मुंह से बिस्किट निकाल लेता है। होटल के व्यावसायिक वातावरण में शायद उसका दम घुटता था, जहां दिल से ज्यादा दिमाग की सुनी जाती है। हॉस्पिटल में दिल की ज्यादा चलती थी इसलिए वह नर्स और गार्ड से भी बतिया लेता था।