अक्टूबर : 15 मिनट में फाइनल हो गए थे वरुण धवन
By: Priyanka Maheshwari Thu, 12 Apr 2018 5:05:58
शूजित सरकार ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया था कि कैसे उन्होंने ‘अक्टूबर’ के लिए वरुण धवन को फाइनल किया। बकौल शूजित, वरुण उनसे मिलने के लिए ऑफिस में आए और 15 मिनट के बाद चले गए। वरुण के जाने के बाद उन्होंने फिल्म के राइटर और प्रोड्यूसर को बताया कि उन्होंने अपनी फिल्म में डैन के किरदार के लिए वरुण को फाइनल कर लिया है। वरुण धवन भी फिल्म के प्लॉट को सुनकर खासे उत्साहित थे।
गौरतलब है कि इस शुक्रवार को शूजित सरकार की फिल्म ‘अक्टूबर’ रिलीज हो रही है। शूजित इससे पहले ‘यहां’, ‘मद्रास कैफे’, ‘विक्की डोनर’, ‘पिंक’ और ‘पीकू’ जैसी फिल्मों का निर्माण व निर्देशन कर चुके हैं। शूजित की फिल्मों की खासियत उनका कथानक होता है, जिसके हिसाब से वे अपने किरदारों का चयन करते हैं। शूजित ने एक इंटरव्यू में कहा भी है कि जब तक उन्हें उनकी स्क्रिप्ट के हिसाब से कैरेक्टर नहीं मिलता, तब तक वह अपनी खोज जारी रखते हैं। यही वजह है कि शूजित की फिल्मों में अभिनय का स्तर भी अलग ही नजर आता है। फिर चाहे आप उनकी डेब्यू फिल्म ‘यहां’ को लें या फिर जॉन अब्राहम द्वारा निर्मित व अभिनीत ‘मद्रास कैफे’ हो या दो वर्ष पूर्व आई ‘पिंक’ को ही देख लीजिए। इन सभी फिल्मों में सितारों ने कमाल की अदाकारी की है। विशेष रूप से जिम्मी शेरगिल, मिनिषा लांबा, जॉन अब्राहम और तापसी पन्नू ने इन फिल्मों में कमाल की अदाकारी की है। इसी के चलते उनसे एक बार फिर दर्शकों को प्यारी सी कहानी की उम्मीद है।
‘अक्टूबर’ की बेसिक स्टोरी लाइन 2013 में आए अमेरिकन ड्रामा ‘हर’ से प्रेरित बताई जा रही है। ‘हर’ फिल्म को बेस्ट ओरिजनल स्क्रीनप्ले के लिए ऑस्कर अवॉर्ड से नवाजा गया था। ये फिल्म एक अकेले रहने वाले तनावग्रस्त शख्स की कहानी कहती है, जिसे आर्टिफीशियल इंटलीजेंस से प्यार हो जाता है। अब वरुण धवन की ‘अक्टूबर’ के ट्रेलर से इसी बात का अहसास हो जाता है। हालांकि ‘हर’ की स्टोरी लाइन ‘अक्टूबर’ के बैक ग्राउण्ड में रखी गई है।
डैन (वरुण धवन) जो कि एक होटल मैनेजमेंट का स्टूडेंट है उसे अपने ही होटल में काम करने वाली लडक़ी से प्यार हो जाता है। वह अपने सहकर्मियों से पूछता है कि क्या वह मेरे बारे में बात करती है ओर एक दिन फिर फिल्म की नायिका अस्पताल पहुंच जाती है। अब डैन जिसकी कभी नायिका से बात भी नहीं हुई है, उसका ख्याल रखने लगता है। कहने का तात्पर्य यह है कि शूजित सरकार एक बार फिर से सशक्त कथानक के साथ बॉक्स ऑफिस पर हाजिर हो रहे हैं, जिसके जरिये वे दर्शकों को प्रेम का अर्थ समझाने आ रहे हैं।