मॉब लिंचिंग पर PM मोदी को चिट्ठी के समर्थन में स्वरा भास्कर, कहा - 'ये महामारी बन चुकी है और फैलती जा रही है'
By: Priyanka Maheshwari Thu, 25 July 2019 1:49:45
देश के अलग-अलग हिस्सों में हो रही भीड़ हिंसा (Mob Lynching) की घटनाओं के लेकर 49 हस्तियों ने सीधे पीएम मोदी को चिट्ठी लिखकर अपनी आपत्ति जताई है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की अपील की है। अब इस चिट्ठी के समर्थन बॉलीवुड अभिनेत्री स्वरा भास्कर (Swara Bhaskar) भी आ गई है। स्वरा विभिन्न सामाजिक-राजनीतिक मुद्दों पर अपने मन की बात कहने के लिए जानी जाती है। ANI से बातचीच में स्वरा ने 49 हस्तियों का समर्थन किया है।
अपनी राय जाहिर करते हुए स्वरा ने कहा कि 'मॉब लिंचिंग आज देश में एक महामारी बन गई है जो फैलती जा रही है और मुझे नहीं लगता कि हम अपने चेहरे को किसी कठोर वास्तविकता से दूर कर सकते हैं। इसका गलत मतलब निकालने का कोई मतलब नहीं है।'
Mob lynching has become an epidemic: Swara Bhasker
— ANI Digital (@ani_digital) July 25, 2019
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स्वरा ने आगे कहा- 'मेरा मानना है कि यह बहुत सराहनीय है कि हमारे देश में कलाकार, फिल्म निर्माता, लेखक लगे हुए हैं और समाज में जो कुछ भी हो रहा है उससे प्रभावित हैं। हमें एक मजबूत कानून की जरूरत है। मैं पिछले 3-4 वर्षों से भीड़ की हिंसा, भीड़ के मुद्दे पर बात करने की कोशिश कर रही हूं और यहां तक कि मानव सुरक्षा कानून के लिए भी कहा गया है। लेकिन यह दुखद है कि चीजें सुधरने के बजाय और खराब हो गई हैं।'
स्वरा ने कहा, 'यह बहुत जरूरी है कि जहां इस तरह की घटनाएं होती हैं वहां के जिला अधिकारी इस मामले में पूरा ध्यान रखें। मुझे विश्वास है कि जो पीएम ऐसा करने की शक्ति रखते हैं, वे इस मामले को देखेंगे। हम एक ऐसे लोकतंत्र में रहते हैं जहां हर विचारधारा का स्वागत है।'
बता दें कि मॉब लिंचिंग पर पीएम मोदी चिट्ठी लिखने वालों में बॉलीवुड समेत देश के दूसरे सिनेमा जगत के बड़े बड़े डायरेक्टर शामिल हैं। इसके अलावा कई लेखक, विचारक भी इस लिस्ट में शामिल हैं। चिट्ठी लिखने वालों में श्याम बेनेगल, अनुराग कश्यप, मणि रत्नम, बिनायक सेन, सौमित्र चटर्जी, अपर्णा सेन, कोंकणा सेन शर्मा, शुभा मुद्गल, रामचंद्र गुहा जैसी हस्तियां हैं। चिठ्ठी में लिखा गया है, अफसोस की बात है कि 'जय श्री राम' आज एक भड़काऊ युद्ध बन गया है। भारत के बहुसंख्यक समुदाय में राम का नाम पवित्र हैं। एक जनवरी 2009 से 29 अक्टूबर 2018 के बीच 254 धार्मिक पहचान आधारित हिंसा दर्ज की गई है। जबकि 2016 में दलितों पर अत्याचार के 840 मामले सामने आए हैं। फिल्मी और चर्चित हस्तियों की इस चिट्ठी को लेकर विपक्ष को भी सरकार पर हमले का मौका मिल गया है लेकिन सत्ताधारी पार्टी इसे सरकार के खिलाफ राजनीतिक साजिश बता रही है।