Cannes Festival में जाकर पिंजरे पिंजरे में बंद हो गईं मल्लिका शेरावत
By: Priyanka Maheshwari Wed, 16 May 2018 07:01:24
71वें कान फिल्म फेस्टिवल 2018 (Cannes Film Festival) में बॉलीवुड हस्तियों ने काफी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेना शुरु कर दिया है। इसी फिल्म फेस्टिवल में पहुंचीं बॉलीवुड की बोल्ड एक्ट्रेस मल्लिका शेरावत ने भी हिस्सा लिया। सोशल मीडिया पर मल्लिका ने एक वीडियो पोस्ट किया है, जिसमें वह एक एक पिंजरे में बंद नज़र आ रही हैं और एक ज़रूरी संदेश दे रही हैं।। मल्लिका शेरावत का पिंजरे में बंद होने का मकसद बच्चों के साथ होने वाले अत्याचारों को बंद करने के खिलाफ है। उन्होंने लॉक-मी-अप कैंपेन का हिस्सा बनकर 'चाइल्ड ट्रैफिकिंग और प्रोस्टिट्यूशन' के खिलाफ आवाज उठाई है। इस मुद्दे पर दुनियाभर के लोगों का ध्यान खींचने का इससे बेहतर मौका नहीं हो सकता, मल्लिका ने खुद को पिंजरे में बंद करके ऐसी तस्वीर खिंचाई।
बता दें कि मल्लिका 'फ्री अ गर्ल इंडिया' इंटरनेशनल एनजीओ की ब्रांड अंबेसडर भी हैं, जो मानव तस्करी और बच्चों के साथ होने वाले यौन शोषण जैसे अपराधों के खिलाफ आवाज उठाते हैं।
मल्लिका ने कान में खुद को 12*8 फीट के छोटी सी जगह में पिंजरे में बंद किया और 'फ्री अ गर्ल' कैंपेन से जुड़ने के लिए अपील भी की। हैशटैग के साथ लोग इस बारे में सोशल मीडिया पर अपने व्यू भी दे रहे हैं।
मल्लिका ने कहा, ''कान में ये मेरा 9वां साल है और यह फेस्टिवल भारत में ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में बाल वेश्यावृत्ति के मुद्दे को उठाने के लिए सबसे सफल मंचों में से एक है। एक पिंजरे में बंद हो कर मैं इस बात की कल्पना करना चाहती थी कि कैसे युवा लड़कियों की तस्करी की जा रही हैं और कैसे वे 12x8 फुट के कमरे में फंस गई हैं।''
मल्लिका ने आगे कहा, ''मैं इस पिंजरे में कैद हूं। इसका साइज़ 2 मीटर्स है, जो भारत में ऐसे ही एक कमरे का प्रतिरूप है, जिसमें छोटी बच्चियों को जबरन बंद करके रखा जाता है और उन्हें प्रोस्टिट्यूशन में धकेल दिया जाता है। इन निर्दोष पीड़ितों को बिना किसी सहायता के जीना पड़ता है। किसी भी बदलाव की उम्मीद के बिना एक महिला को हर मिनट दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ता है। तो मैंने अपने हिस्से की जिम्मेदारी निभाने और इस मुद्दे पर जागरूकता फैलाने का निर्णय लिया। ये ऐसा मुद्दा है, जिस पर जल्द से जल्द खत्म किए जाने की जरूरत है। कृपया लड़कियों को इससे छुड़ाने में मदद करें। न्याय के इस काम में मदद करें। "