बोल्ड लुक्स - युग बदला पर सोच नहीं

By: Pinki Sat, 08 July 2017 2:46:14

बोल्ड लुक्स - युग बदला पर सोच नहीं

सिनेमा में नारी देह प्रदर्शन के खुलेपन की बात हो तो राज कपूर के ज़माने से महेश भट्ट के ज़माने तक कुछ खास नहीं बदला है हाँ, अगर दर्शक खुली आँखों के साथ साथ खुले दिमाग से भी फिल्मो का मज़ा ले तो बदलाव आ सकता है भारतीय फ़िल्मी दर्शक अब खुलेपन के आदि हो गये है दर्शको को अपनी फिल्मों की तरफ खीचने के लिए राज कपूर ने अपनी फ़िल्म 'सत्यम शिवम् सुन्दरम' में यही फार्मूला अपनाया थादरअसल भारतीय फ़िल्म का एक दशक वर्ग अभी भी नायक नायिका के खुलेपन और अंतरंगता को पचा नहीं पा रहे है जिस्मों की बेतुकी नुमाइश को हम भले ही देह प्रदर्शन कह सकते है पर कहानी के अनुरूप यह कला की श्रेणी में आता है. पहले इतना खुलापन नहीं था, परंतु वक़्त एक जैसा नहीं होता, आज खुलेपन को हर तरफ स्वीकार जा रहा है

bold looks,bollywood news in hindi,entertainment news in hindi,bollywood gossips,bollywood bold looks

भारतीय सिनेमा में खुलेपन की समीक्षा और आलोचना कोई नई बात नहीं है. फिल्मों में बोल्ड लुक्स को लेकर शोर मचाना कमजोर पुरुष मानसिकता को दर्शाता है आज की महिलाए खुद के अस्तित्व के लिए जो लड़ाई लड़ रही है, वे पुरुष को रास नहीं आ रही है

फ़िल्म के द्रश्यो की मांग के अनुरूप अगर अभिनेत्री बोल्ड सीन करती है तो इसमें गलत क्या है. कहना होगा कि पिछले कुछ वर्षो से बॉलीवुड की फ़िल्म अभिनेत्रियों द्वारा बोल्ड सीन प्रदर्शन की स्वतंत्रता में काफी परिवर्तन आया हभारियां दर्शक अब पहले से काफी उदार हुए है और समाज को नैतिकता की पाठ पढ़ाने वाले धर्म के ठेकेदारों और पाखंडियो को एक तरह से नज़रंदाज़ किया जाने लगा है

हम WhatsApp पर हैं। नवीनतम समाचार अपडेट पाने के लिए हमारे चैनल से जुड़ें... https://whatsapp.com/channel/0029Va4Cm0aEquiJSIeUiN2i
पढ़ें Hindi News ऑनलाइन lifeberrys हिंदी की वेबसाइट पर। जानिए बॉलीवुड, टीवी और मनोरंजन से जुड़ी News in Hindi

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2024 lifeberrys.com