Chandra Grahan 2020 : कैसा रहेगा 5 जून के चंद्रग्रहण का प्रभाव, जानें यहां

By: Ankur Tue, 02 June 2020 8:24:16

Chandra Grahan 2020 : कैसा रहेगा 5 जून के चंद्रग्रहण का प्रभाव, जानें यहां

इस 5 जून को ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा के दिन साल का दूसरा चंद्रग्रह लगने जा रहा है जिसकी शुरुआत 5 जून की रात 11 बजकर 16 मिनट से होगी जो कि 6 जून की रात के 2 बजकर 32 मिनट तक रहना हैं। ज्योतिष में भी चंद्रग्रहण का बड़ा महत्व माना जाता हैं जिसे विभिन्न घटनाओं से जोड़ा जाता है। इस बार का चंद्रग्रहण आम चंद्र ग्रहण से अलग होकर उपच्छाया होना हैं।

शास्त्रों में ग्रहण को एक अशुभ घटना मानी जाती है। ग्रहण के दौरान और सूतक लगने पर किसी भी तरह का शुभ कार्य करना वर्जित होता है। विज्ञान के अनुसार जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा का बीच आ जाती है तब सूर्य की रोशनी चंद्रमा तक नहीं पहुंच पाती है। इसे ही चंद्रग्रहण कहते हैं।

क्या होता है पेनुमब्रल (उपच्छाया) चंद्र ग्रहण

पेनुमब्रल को उपच्छाया चंद्र ग्रहण कहते हैं। उपच्छाया चंद्र ग्रहण ऐसी स्थिति में बनता है जब चंद्रमा पर पृथ्वी की छाया न पड़कर उसकी उपच्छाया मात्र पड़ती है। इसमें चंद्रमा पर एक धुंधली सी छाया नजर आती है। इस घटना में पृथ्वी की उपच्छाया में प्रवेश करने से चंद्रमा की छवि धूमिल दिखाई देती है। कोई भी चन्द्रग्रहण जब भी आरंभ होता है तो ग्रहण से पहले चंद्रमा पृथ्वी की परछाई में प्रवेश करता है जिससे उसकी छवि कुछ मंद पड़ जाती है तथा चंद्रमा का प्रभाव मलीन पड़ जाता है। जिसे उपच्छाया कहते हैं। इस दिन चंद्रमा पृथ्वी की वास्तविक कक्षा में प्रवेश नहीं करेंगे अतः इसे ग्रहण नहीं कहा जाएगा। ये पृथ्वी की परछाई से ही बाहर आ जाएंगे इसलिए ग्रहण से संबंधित किसी भी तरह का दोष अथवा दुष्प्रभाव पृथ्वी वासियों पर लागू नहीं होगा।

सूतक का नहीं होगा असर

उपच्छाया होने से यह चंद्रग्रहण प्रभावशाली नहीं होगा। इसलिए इस दौरान सूतककाल का समय नहीं माना जाएगा। ये पृथ्वी की परछाई से ही बाहर आ जाएंगे इसलिए ग्रहण से संबंधित किसी भी तरह का दोष अथवा दुष्प्रभाव पृथ्वी वासियों पर लागू नहीं होगा। सूतक और खान-पान तथा गर्भवती महिलाओं को लेकर भी किसी तरह का कोई भेद अथवा दोष विचारणीय नहीं होगा। इस दिन खगोलीय घटना के अनुसार चंद्रमा पृथ्वी की परछाई में प्रवेश करके वहीं से वापस निकल जाएंगे जिसके परिणामस्वरूप चंद्रमा का बिम्ब केवल धुंधला दिखाई देगा काला नहीं होगा, न ही किसी तरह का ग्रास होगा। इसलिए इस दिन पूर्णिमा तिथि से सम्बंधित किये जाने वाले जप-तप, पूजा पाठ, श्री सत्यनारायण कथा, तीर्थ क्षेत्रों में तथा गंगा, यमुना नर्वदा आदि पवित्र नदियों में स्नान दान-पुण्य का महत्व यथावत रहेगा।

हम WhatsApp पर हैं। नवीनतम समाचार अपडेट पाने के लिए हमारे चैनल से जुड़ें... https://whatsapp.com/channel/0029Va4Cm0aEquiJSIeUiN2i

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2024 lifeberrys.com