Navratri 2020 : इस तरह करें स्कंदमाता का पूजन, जानें विशेष मंत्र
By: Ankur Mundra Sun, 29 Mar 2020 12:26:46
आज नवरात्रि का पांचवा दिन हैं जो कि मां स्कंदमाता की उपासना के लिए जाना जाता हैं। स्कंद कुमार कार्तिकेय की माता के कारण इन्हें स्कंदमाता नाम से जाना जाता हैं। इनके रूप का वर्णन किया जाए तो देवी की चार भुजाएं हैं। ये कमल के आसन पर विराजमान रहती हैं। इसीलिए इन्हें पद्मासना भी कहा जाता है। भगवती दुर्गा को केले का भोग लगाना चाहिए और यह प्रसाद ब्राह्मण को दे देना चाहिए। ऐसा करने से मनुष्य की बुद्धि का विकास होता है। आज हम आपको स्कंदमाता के पूजन से जुड़ी जानकारी के साथ ही विशेष मन्त्रों के बारे में भी बताने जा रहे हैं। तो आइये जानते हैं इसके बारे में।
कैसे करें पूजन
- सबसे पहले चौकी (बाजोट) पर स्कंदमाता की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
- इसके बाद गंगा जल या गोमूत्र से शुद्धिकरण करें।
- चौकी पर चांदी, तांबे या मिट्टी के घड़े में जल भरकर उस पर कलश रखें।
- उसी चौकी पर श्रीगणेश, वरुण, नवग्रह, षोडश मातृका (16 देवी), सप्त घृत मातृका (सात सिंदूर की बिंदी लगाएं) की स्थापना भी करें।
- इसके बाद व्रत, पूजन का संकल्प लें और वैदिक एवं सप्तशती मंत्रों द्वारा स्कंदमाता सहित समस्त स्थापित देवताओं की षोडशोपचार पूजा करें।
- इसमें आवाहन, आसन, पाद्य, अर्घ्य, आचमन, स्नान, वस्त्र, सौभाग्य सूत्र, चंदन, रोली, हल्दी, सिंदूर, दुर्वा, बिल्वपत्र, आभूषण, पुष्प-हार, सुगंधित द्रव्य, धूप-दीप, नैवेद्य, फल, पान, दक्षिणा, आरती, प्रदक्षिणा, मंत्र पुष्पांजलि आदि करें। तत्पश्चात प्रसाद वितरण कर पूजन संपन्न करें।
स्कंदमाता के मंत्र
"सिंहासनगता नित्यं पद्माश्रितकरद्वया। शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी॥"
"ॐ देवी स्कन्दमातायै नमः॥"
"ॐ स्कन्दमात्रै नम:।।"
"या देवी सर्वभूतेषु माँ स्कन्दमाता रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।"