स्वाद बढ़ाने वाला नमक आपकी किस्मत भी सवार सकता है, जाने कैसे
By: Ankur Mon, 11 June 2018 06:47:45
भोजन को जायकेदार बनाने का काम करता है नमक। और बिना नमक का भोजन करना किसी जंग लड़ने से कम नहीं हैं क्योंकि बिना नमक के भोजन में कोई स्वाद नहीं होता हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भोजन का स्वाद बढ़ाने वाला साधारण सा नमक आपके जीवन में भी स्वाद भर सकता हैं। जी हाँ, यह साधारण सा दिखने वाला नमक वास्तु के हिसाब से बड़े काम का हैं। वास्तु विज्ञान के अनुसार नमक में गजब की शक्ति होती है जो न सिर्फ आपके घर को सकारात्मक उर्जा से भर देती है बल्कि आपके घर में सुख समृद्धि भी बढ़ाने का काम करती है। तो आइये जानते हैं किस तरह से यह नमक आपका जीवन बदलता हैं।
* नजरदोष उतारने में
नमक का इस्तेमाल नजर दोष उतारने के लिए भी किया जाता है। अगर आपको लगता है कि आपको या आपके परिवार के किसी सदस्य को नजर लगी है तो एक चुटकी नमक लेकर तीन बार उसके ऊपर से घुमाकर बाहर फेंक दें। कहते हैं इससे नजर दोष खत्म हो जाता है।
* वास्तुदोष दूर करें
वास्तु विज्ञान के अनुसार शीशे के प्याले में नमक भरकर शौचालय और स्नान घर में रखना चाहिए इससे वास्तुदोष दूर होता है। इसका कारण यह है कि नमक और शीशा दोनों ही राहु के वस्तु हैं और राहु के नकारात्मक प्रभाव को दूर करने का काम करते हैं। राहु को नकारात्मक उर्जा और कीट-कीटाणुओं का भी कारक माना गया है। जिनसे घर में सुख समृद्धि और स्वास्थ्य प्रभावित होता है।
* कारोबार में उन्नति
डली वाला नमक लाल रंग के कपड़े में बांधकर घर के मुख्य द्वार पर लटकाने से घर में किसी बुरी ताकत का प्रवेश नहीं होता है। कारोबर में उन्नति के लिए अपने व्यापारिक प्रतिष्ठान के मुख्य द्वार पर और तिजोरी के ऊपर लटकाना लाभप्रद माना गया है।
* बच्चों को रखें खुश
घर की खुशियां बच्चों से होती है। बच्चे बीमार हो जाएं तो पूरा घर परेशान हो जाता है। अपनी इस खुशी को हमेशा बनाए रखने के लिए हफ्ते में एक दिन पानी में चुटकी भर नमक मिलाकर बच्चों को नहलाएं तो नजर दोष से बच्चे बचे रहेंगे और स्वास्थ्य संबंधी परेशानी कम होगी।
* तनाव दूर करें
रात को सोते समय पानी में एक चुटकी नमक मिलकार हाथ पैर धोने से तनाव दूर होता है और नींद अच्छी आती है। राहु और केतु के अशुभ प्रभाव भी इससे दूर होते हैं।
* सकारात्मक उर्जा लाए
शीशे के बर्तन में नमक भरकर घर के किसी कोने में रखने से घर में सकारात्मक उर्जा का संचार होता है। राहु, केतु की दशा चल रही हो या जब मन में बुरे-बुरे विचार या डर पैदा हो रहे हों तब यह प्रयोग बहुत लाभ देता है।