शिवलिंग की स्थापना के समय विशेष तौर पर ध्यान रखें इन बातों का

By: Ankur Mon, 20 Aug 2018 00:27:12

शिवलिंग की स्थापना के समय विशेष तौर पर ध्यान रखें इन बातों का

शिवलिंग को भगवान शिव का प्रतीक माना जाता हैं। और सावन के इस महीने में शिवलिंग की पूजा की जाती हैं। इसी के साथ कई लोग सावन के दिनों में शिवलिंग की स्थापना भी करते हैं, लेकिन वे इसमें कुछ गलतियां कर बैठते हैं जिसकी वजह से बाद में तकलीफ उठानी पड़ जाती हैं। इसलिए आज हम आपके लिए शिवलिंग की स्थापना कर उसकी पूजा विधि की जानकारी लेकर आए हैं कि किस तरह से शिवलिंग की स्थापना के समय ध्यान रखा जाना चाहिए। तो आइये जानते है इसके बारे में।

* शिवलिंग जहां भी स्थापित हो पूर्व दिशा की ओर मुख करके ही बैठें। शिवलिंग के दक्षिण दिशा में बैठकर कभी पूजन न करें।

* शिवलिंग पर नियमित अभिषेक करें और मनवांछित फल पाने के लिए शिवजी का विविध धाराओं से अभिषेक करें।

* जाप पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके करना चाहिए। जप के पूर्व शिवजी को बिल्वपत्र अर्पित करना चाहिए।

* भगवान शंकर की पूजा के समय शुद्ध आसन पर बैठकर पहले आचमन करें। यज्ञोपवित धारण कर शरीर शुद्ध करें। तत्पश्चात आसन की शुद्धि करें। पूजन-सामग्री को यथास्थान रखकर रक्षादीप प्रज्ज्वलित कर लें। स्वस्ति-पाठ करें।

shivling,sawan shiv pooja,shiv pooja,sawan,sawan 2018 ,शिव पूजा,सावन शिव पूजा,सावन,सावन 2018

* इसके बाद पूजन का संकल्प कर भगवान गणेश एवं गौरी-माता पार्वती का स्मरण कर पूजन करना चाहिए।

* इसके पश्चात हाथ में बिल्वपत्र एवं अक्षत लेकर भगवान शिव का ध्यान करें। भगवान शिव का ध्यान करने के बाद आसन, आचमन, स्नान, दही-स्नान, घी-स्नान, शहद-स्नान व शक्कर-स्नान कराएं।

* इसके बाद भगवान का एक साथ पंचामृत स्नान कराएं। फिर सुगंध-स्नान कराएं फिर शुद्ध स्नान कराएं।

* अब भगवान शिव को वस्त्र चढ़ाएं। वस्त्र के बाद जनेऊ चढाएं। फिर सुगंध, इत्र, अक्षत, पुष्पमाला, बिल्वपत्र चढाएं।

* अब भगवान शिव को विविध प्रकार के फल चढ़ाएं। इसके पश्चात धूप-दीप जलाएं। हाथ धोकर भोलेनाथ को नैवेद्य लगाएं।

* नैवेद्य के बाद फल, पान-नारियल, दक्षिणा चढ़ाकर आरती करें।

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2025 lifeberrys.com