भूलकर भी ना करें ये काम, इनसे होता है गुरु का अपमान
By: Ankur Fri, 27 July 2018 12:23:01
गुरु शब्द सुनने और बोलने में जितना छोटा है, उतना ही बड़ा इसका व्यक्ति की जिंदगी में महत्व होता हैं। क्योंकि माँ के बाद जीवन का ज्ञान व्यक्ति को एक गुरु से ही प्राप्त होता हैं। गुरु अपने शिष्यों को अच्छी शिक्ष देकर अज्ञान रुपी अन्धकार से बाहर निकालता हैं। गुरु के इसी समर्पण को देखते हुए गुरु के सम्मान में आषाढ़ शुक्ल की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता हैं। हमें हमेशा गुरु का सम्मान करना चाहिए और कभी भी भूलकर कोई ऐसा कार्य नहीं करना चाहिए जिससे गुरु का अपमान हो। इसलिए आज हम आपको कुछ ऐसे काम बताने जा रहे जो हमें भूलकर भी नहीं करने चाहिए। क्योंकि इनसे गुरु का अपमान होता हैं।
* शिष्य को सदैव गरु का सम्मान करना चाहिए। शिष्य को कभी भी गुरु के समान आसन पर नहीं बैठना चाहिए। यदि गुरु जमीन पर विराजमान हैं तो शिष्य को भी वहीं बैठना चाहिए।
* शिष्य को गुरु के सामने पैर फैलाकर नहीं बैठना चाहिए। गुरु के सामने शिष्य को किसी दीवार के सहारे भी नहीं बैठना चाहिए।
* गुरु के सामने शिष्य को भूलकर भी अश्लील शब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
* गुरु से मिलने खाली हाथ न जाएं, कुछ न कुछ अवश्य लेकर जाएं।
* गुरु शिष्य को सत मार्ग पर चलने की शिक्षा देते हैं। जब गुरु ज्ञान दे रहें हों तो अालस्य त्याग कर मन लगाकर सुनें।
* गुरु के सामने कभी भी धन का प्रदर्शन न करें। जब भी उनके सामने जाएं तो सादे कपड़े पहन कर जाना चाहिए।
* जब भी गुरु का नाम लें तो उनके नाम के आगे आदरणीय या परमपूज्य शब्द अवश्य लगाएं।
* जितना दोषी किसी की बुराई करने वाला होता है, उतना ही सुनने वाला भी होता है। किसी के भी सामने गुरु की बुराई न करें। यदि कोई बुराई कर भी रहा है तो वहां से उठकर चले जाना चाहिए।