समस्याओं का अंत करते हैं ये 4 रंग, पूजा-पाठ में रखते हैं महत्व
By: Ankur Mundra Mon, 22 June 2020 10:48:48
आपने देखा ही होगा कि पूजा-पाठ के दौरान कई तरह की सामग्री शामिल की जाती हैं और इनमें विशेषकर 4 रंगों को शामिल किया जाता हैं। जी हाँ, जैसे कि काले रंग को पूजा के दौरान शामिल नहीं किया जाता हैं क्योंकि इसे अशुभ माना जाता हैं। यहां तक कि काले कपडे पहनकर भी पूजा में शामिल नहीं हुआ जाता है। उसी तरह कुछ रंग ऐसे हैं जिन्हें शुभ माना जाता हैं। इन रंगो का उपयोग करने से परेशानियों से मुक्ति मिलती है। तो आइए जानते हैं कि वह चार रंग कौन से हैं।
सफ़ेद रंग
सफेद रंग मां सरस्वती को अति प्रिय है। वे सदैव श्वेत वस्त्र धारण करती हैं। मां सरस्वती के उपवास के दिन सफेद वस्त्र धारण करने से मां का आशीर्वाद प्राप्त होता है। पुरातनकाल में यज्ञ आदि में सफेद रंग का उपयोग किया जाता था। इसे पवित्रता और शांति का प्रतीक माना जाता है। सफेद रंग राहु को शांत करता है।
हरा रंग
हरे रंग को भी बहुत शुभ माना गया है इसे भी सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। माता रानी को श्रृंगार में मेहंदी, हरी चूड़ियां अर्पित की जाती हैं। पूजा में हरे आम के पत्तों, पान के पत्तों, केले का पत्तों का प्रयोग किया जाता है। मां लक्ष्मी को भी हरा रंग प्रिय है। इसके प्रयोग से धन-धान्य की कमी नहीं होती है। हरे रंग को बुध ग्रह का प्रतीक भी माना गया है।
पीला रंग
सनातन धर्म में पीले रंग का बहुत महत्व माना गया है पीला रंग बृहस्पति देव का प्रिय रंग है। पीले रंग को भगवान विष्णु और सौन्दर्य का प्रतीक भी माना जाता है इसलिए इस रंग का उपयोग पूजा में बहुत शुभ माना जाता है, गुरु को भाग्य का कारक माना जाता है। इस कारण मांगलिक कार्यों में भी पीले रंग का उपयोग किया जाता है। जिसका गुरु कमजोर हो उसे गुरुवार के दिन पीले वस्त्र, पीली वस्तुओं का सेवन करना चाहिए। इससे गुरु बलशाली होता है और शादी में आ रही अड़चने दूर होती हैं। लेकिन शयनकक्ष में पीले रंग का उपयोग नहीं करना चाहिए।
लाल रंग
लाल रंग को सौभाग्य-समृद्धि और नए जीवन का प्रतीक माना जाता है। हर शुभ कार्य में लाल रंग का उपयोग किया जाता है नई दुल्हन को लाल रंग की साड़ी पहनाई जाती है। माता लक्ष्मी, मां दुर्गा भी लाल वस्त्र धारण करती हैं। इसलिए माता रानी को लाल रंग की चुनर चढ़ाई जाती है। इसके उपयोग से सौभाग्य में वृद्धि होती है। लेकिन घर में इसका उपयोग ध्यान से करना चाहिए। क्योंकि लाल रंग उत्साह के साथ उग्रता का प्रतिनिधित्व भी करता है। इसलिए घर की दीवारें, पर्दे, मैट आदि चटक लाल रंग के नहीं होने चाहिए।