आखिर क्यों हुआ था रामायण और महाभारत का युद्ध, कारण बना था यह श्राप
By: Ankur Tue, 10 Dec 2019 08:23:49
पौराणिक काल की कई गतिविधियां एक-दूसरे से जुड़ी हुई होती हैं। और क्या आप जानते हैं कि रामायण और महाभारत का युद्ध होने के पीछे की वजह भी एक श्राप से जुड़ी हैं। आज हम आपको भृगु और उनके श्राप से जुड़ी जानकारी देने जा रहे हैं जो कि उनके द्वारा भगवान् विष्णु को दिया गया था। तो आइये जानते हैं इसके बारे में।
इतिहास में असुरों और देवों के बीच कई लड़ाइयां हुईं थीं, जिनमे ज्यादातर असुरों की होती थी। देवताओं से जीत हासिल करने के लिए असुरो के गुरु शुक्राचार्य को एक समाधान सूझा – मृतसंजीवनी स्तोत्रम नामक एक मंत्र को पाना, जो असुरों को अजेय बना सकता था। शुक्राचार्य ने तपस्या के जरिए मृतसंजीवनी मंत्र हासिल करने का मन बन लिया और तपस्या के लिए भगवान शिव के निवास के बाहर आसन लगा लिया। शुक्राचार्य ने अपने असुर शिष्यों को आदेश दिया कि वे उनके पिता – भृगु के आश्रम में जाकर आराम कर लें।
देवों को मालूम था कि असुर आश्रम में तपस्वी के तौर पर रह रहे हैं और उनके पास हथियार भी नहीं हैं। सारे देवता असुरों को मारने निकल पड़े। देवो से बचने के लिए असुरो ने भृगु की पत्नी से सुरक्षा की मांग की। भृगु की पत्नी इतनी ताकतवर थी कि उसने इंद्र को स्थिर कर दिया। देव डर गए और भागे-भागे भगवान विष्णु के पास जा पहुंचे। विष्णु जी ने देवताओं से कहा कि अगर वे बचना चाहते है तो उनके शरीर में प्रवेश कर जाए। इस बात पर भृगु की पत्नी भड़क उठी और विष्णु को धमकाया कि अगर उन्होंने ऐसा किया तो उन्हें इसका अंजाम भुगतना पडेगा।
इस पर विष्णु को गुस्सा आ गया और उन्होंने अपने सुदर्शन चक्र से महिला को मार डाला। जब भृगु ने सुना कि उनकी पत्नी को मार डाला गया है तो वे आगबबूला हो गए। इसलिए, उन्होंने विष्णु को श्राप दिया – कि उन्हें धरती पर कई बार जन्म लेना होगा और जन्म व मरण के चक्रों को झेलना होगा। इसी वजह से विष्णु कई अवतार लेकर धरती पर आए और इन्हीं बातो पर रामायण व महाभारत के महाकाव्यों की रचना की गई।