आज हैं नए साल की पहली संकष्टी चतुर्थी, जानें विधि पूर्वक व्रत और पूजन का तरीका

By: Ankur Sat, 02 Jan 2021 10:11:43

आज हैं नए साल की पहली संकष्टी चतुर्थी, जानें विधि पूर्वक व्रत और पूजन का तरीका

हर हिन्दू महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता हैं जो कि श्री गणेश को समर्पित होती हैं और इस दिन उनकी उपासना की जाती हैं। आज 02 जनवरी 2021, शनिवार को नए साल की पहली संकष्टी चतुर्थी हैं जिसमें व्रत और पूजन कर आप गणपति जी का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। गणपति जी प्रसन्न होकर सुख-सौभाग्य और समस्त कामनाओं की पूर्ति का वरदान देते हैं। आज के दिन किया गया व्रत सूर्योदय से चंद्रोदय होने तक किया जाता हैं। आज इस कड़ी में हम आपको संकष्टी चतुर्थी व्रत की पूर्ण विधि और पूजन से जुड़ी जानकारी देने जा रहे हैं।

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संकष्टी चतुर्थी व्रत कैसे करें

- चतुर्थी के दिन सुबह स्नानादि से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- इस दिन व्रतधारी लाल रंग के वस्त्र धारण करें।
- श्री गणेश की पूजा करते समय अपना मुंह पूर्व अथवा उत्तर दिशा की ओर रखें।
- तत्पश्चात स्वच्छ आसन पर बैठकर भगवान गणेश का पूजन करें।
- फल, फूल, रौली, मौली, अक्षत, पंचामृत आदि से श्री गणेश को स्नान कराके विधिवत तरीके से पूजा करें।
- गणेश पूजन के दौरान धूप-दीप आदि से श्री गणेश की आराधना करें।
- श्री गणेश को फल, तिल से बनी वस्तुओं, लड्‍डू तथा मोदक का भोग लगाएं औा प्रार्थना करें कि 'ॐ सिद्ध बुद्धि सहित महागणपति आपको नमस्कार है। नैवेद्य के रूप में मोदक व ऋतु फल आदि अर्पित है।'
- सायंकाल में व्रतधारी संकष्टी गणेश चतुर्थी की कथा पढ़े अथवा सुनें और सुनाएं।
- चतुर्थी के दिन व्रत-उपवास रख कर चंद्र दर्शन करके गणेश पूजन करें।
- तत्पश्चात श्री गणेश की आरती करें।
- विधिवत तरीके से गणेश पूजा करने के बाद गणेश मंत्र 'ॐ गणेशाय नम:' अथवा 'ॐ गं गणपतये नम: का 108 बार अथवा एक माला करें।

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- इस दिन अपने सामर्थ्य के अनुसार गरीबों को दान करें।
- इस दिन भगवान गणेश को दूर्वा चढ़ाई जाती है, क्योंकि दुर्वा में अमृत का वास माना गया है। इस दिन श्री गणेश को दूर्वा अर्पित करने से स्वास्थ लाभ मिलता है और सभी पापों का अंत होता है। संतान प्राप्ति और संतान की लंबी उम्र के लिए भी यह व्रत बहुत महत्वपूर्ण है।

संकष्टी चतुर्थी तिथि और शुभ मुहूर्त

संकष्टी चतुर्थी व्रत में सुबह और शाम के समय पूजा की जाती है। वर्ष 2021 में पौष मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी व्रत का पूजन का आरंभ शनिवार सुबह सुबह 05:24 मिनट से होकर सुबह 06:21 मिनट पर समाप्ति होगी। संकष्टी गणेश चतुर्थी के दिन शाम की पूजा का समय 05:35 मिनट से शुरू होकर 06:57 मिनट तक रहेगा।

चंद्रोदय का समय

संकष्टी चतुर्थी के दिन चंद्रोदय का समय रात्रि 8:34 मिनट पर रहेगा। शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत को पूर्ण करें।

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