गुरुनानक जयंती: गुरूजी के चमत्कार से मिला था लोगों को मीठा जल
By: Ankur Mundra Thu, 07 Nov 2019 07:33:34
इस साल गुरुनानक देव की 550वीं जयंती मनाई जा रही हैं और इसकी तैयारियां भ शुरू ह चुकी हैं। हर साल कार्तिक मास की पूर्णिमा को यह जयंती मनाई जाती हैं जो कि इस साल 12 नवंबर को मनाई जानी है। इस दिन सभी सिख सम्प्रदाय के लोग गुरूद्वारे में माथा टेकते हैं। हर गुरुद्वारा अपने में एक ख़ास विशेषता रखता हैं लेकिन नानक प्याऊ गुरुद्वारे की स्थापना खुद श्री गुरु नानक देवजी ने की थी जो कि इसे ओर भी खास बनाता हैं।
जब 1505 में गुरुनानक देव का दिल्ली में आगमन हुआ तो वह जी.टी. रोड के ऊपर सब्जी मण्डी के बाहर एक बाग में रुके। लोगों ने ऐसे पैगंबर के दर्शन किए जो अपना उपदेश कविता और संगीत के माध्यम से देते थे। कहते हैं उस समय इस इलाके में पाने का पानी नसीब नहीं होता था। जमीन से खारा पानी निकलता था, जिसके कारण लोग परेशान हो रहे थे। तभी गुरु नानक देव जी ने अपनी शक्ति से, अपनी दृष्टि से, जमीन से मीठा पानी निकाला। जिसके बाद यहां रहने वाले तमाम लोगों ने यहां पानी पिया।
बाग के मालिक ने यह बाग गुरु के चरणों में भेंट कर दिया। वहां यादगारी स्थान बनवा दिया जो ‘श्री गुरु नानक प्याऊ दी संगत’ करके प्रसिद्ध हो गया। यहां गुरु जी ने अनेक यात्रियों की आत्मक प्यास बुझाई। गुरु साहिब द्वारा कायम की गई सेवा व दान की परंपरा 514 साल से यानि आज भी लगातार चल रही है। जहां से पानी निकला वहां कुआं आज भी बना हुआ है। इसके साइड में बने एक प्याऊ से लोगों को पानी पिलाया जाता है।