Mauni Amavasya 2019: मौनी अमावस्या पर बन रहा है ग्रहों का विशेष संयोग, इस तरह करे पूजा, घर की बीमारी होगी खत्म
By: Priyanka Maheshwari Mon, 04 Feb 2019 11:01:03
ज्योतिष शास्त्र व धार्मिक दृष्टि से मौनी अमावस्या की तिथि बहुत महत्वपूर्ण होती है। माघ मास में आने वाली अमावस्या को मौनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है। इस मास को कार्तिक मास के जैसे ही पुण्य महीना माना गया है। मान्यताओं के अनुसार इस दिन पवित्र संगम में देवताओं का निवास होता है इसलिए इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है। यही नहीं इस दिन दान करने का भी बड़ा महत्व माना गया है। इस दिन लोग स्नान कर अन्न, वस्त्र, धन, गौ और भूमि का दान करते हैं, इसका फल सतयुग के ताप के बराबर माना गया है। इतना ही नहीं इस दिन अगर अपने पितरों का तर्पण किया जाए तो उन्हें शांति मिलती है। किसी व्यक्ति की कुंडली में यदि पितृ दोष है, तो उससे मुक्ति के उपाय के लिए भी अमावस्या तिथि काफी कारगर मानी जाती है। इसलिए इस मौनी अमावस्या का विशेष महत्व हमारे शास्त्रों में बताया गया है।
मौनी अमावस्या 2019 का शुभ मुहूर्त
- अमावस्या तिथि - सोमवार, 4 फरवरी 2019
- अमावस्या तिथि आरंभ - 23:52 बजे से (3 फरवरी 2019)
- अमावस्या तिथि समाप्त - 02:33 बजे (5 फरवरी 2019)
Varanasi: Devotees take holy dip in river Ganga on the occasion of Mauni Amavasya pic.twitter.com/KIJNYub8Ih
— ANI UP (@ANINewsUP) February 4, 2019
इस मौनी अमावस्या पर ग्रहों का क्या विशेष संयोग बना है
- मौनी अमावस्या के पर्व पर मकर राशि में चार ग्रहों सूर्य, चंद्रमा, बुध, केतु की युति विशेष फलदाई होगी।
- मौनी अमावस्या का अमृत के समान स्नान मकर राशि में सूर्य चंद्रमा बुध केतु के होने से ही होगा।
- शनि और शुक्र दोनों धनु राशि में ही होंगे।
- बृहस्पति वृश्चिक राशि में तथा राहु कर्क राशि में और मंगल मीन राशि में स्थित होकर तीर्थराज प्रयाग में इस मौनी अमावस्या पर आकाशीय अमृत वर्षा करेंगे। इसलिए माघ मास की अमावस्या तिथि माघ के महीने का सबसे बड़ा स्नान का पर्व है।
- इस मौनी अमावस्या पर तीर्थ स्थलों पर स्नान करना विशेष फलदाई हो जाएगा।
मौनी अमावस्या पर करें दिव्य प्रयोग, जिससे आपके घर की बीमारी होगी खत्म
- सुबह के समय सूर्य उदय होने से पहले उठें और अपने स्नान के जल में दो बूंद गंगाजल डालकर स्नान करें तथा साफ वस्त्र पहनें।
- एक साफ़ आसन पर बैठकर पूर्व दिशा की तरफ मुंह करें और एक तांबे के लोटे में गंगाजल भरकर रखें।
- लाल चंदन या रुद्राक्ष की माला से गायत्री मंत्र का 3 माला जाप करें।
- जाप के बाद लोटे के गंगाजल को सारे घर में छिड़क दें और बीमार व्यक्ति को इसका सेवन जरूर कराएं।
- बीमार व्यक्ति के स्वस्थ होने के बाद जरूरतमंद लोगों को पितरों के नाम से भोजन जरूर कराएं।
मौनी अमावस्या पर करें महाउपाय और दान
- मौनी अमावस्या पर हो सके तो गंगा में स्नान जरूर करें यदि संभव ना हो तो अपने स्नान के जल में एक चम्मच गंगाजल डालकर स्नान करें।
- स्नान के बाद साफ कपड़े पहन कर कच्चे दूध में काला तिल और गंगाजल में मिश्री मिलाकर पीपल के पेड़ की जड़ में जरूर अर्पण करें। पितरों के नाम से किसी गौशाला में गाय को चारा जरूर खिलाएं।
- जरूरतमंद लोगों को गर्म कपड़े, तिल के लड्डू, तिल का तेल, आंवला, दूध से बनी मिठाई, सफेद कपड़े, फल, सब्जियां तथा दवाई का दान जरूर करें।
- हो सके तो किसी मंदिर में छोटे-छोटे दो पीपल के पौधे जरूर लगाएं।
मौनी अमावस्या 2019 की पूजा-विधि
- सबसे पहले गंगा में स्नान करें। घर में हो तो पानी में गंगाजल डालकर स्नान करें।
- विष्णु जी का ध्यान करें और व्रत का संकल्प लें।
- विष्णु जी की रोज़ाना की तरह पूजा कर तुलसी की 108 बार परिक्रमा लें।
- पूजा के बाद दान दें। अन्न, वस्त्र या धन को दान में दें।
- सुबह स्नान से ही मौन रहें।
- इस मंत्र का जाप करते रहें।
गंगे च यमुने चैव गोदावरि सरस्वति। नर्मदे सिन्धु कावेरि जलऽस्मिन्सन्निधिं कुरु।।