Kumbh Mela 2019: मौनी अमावस्या पर दूसरा शाही स्नान, सुबह दो करोड़ से अधिक लोगों ने लगाई डुबकी
By: Priyanka Maheshwari Mon, 04 Feb 2019 10:09:01
कुंभ (Kumbh 2019) मेले का शाही स्नान 4 फरवरी यानी आज सोमवार को है और आज मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya 2019) भी है। इस मास को कार्तिक मास के जैसे ही पुण्य महीना माना गया है। मान्यताओं के अनुसार इस दिन पवित्र संगम में देवताओं का निवास होता है इसलिए इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है। यही नहीं इस दिन दान करने का भी बड़ा महत्व माना गया है। इस दिन लोग स्नान कर अन्न, वस्त्र, धन, गौ और भूमि का दान करते हैं, इसका फल सतयुग के ताप के बराबर माना गया है। इतना ही नहीं इस दिन अगर अपने पितरों का तर्पण किया जाए तो उन्हें शांति मिलती है। जिसके चलते आज कुम्भ मेले (Kumbh Mela 2019) में दो करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने गंगा और संगम में आस्था की डुबकी लगाई। आईसीसीसी के एक अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया कि रविवार शाम छह बजे तक एक करोड़ से अधिक लोगों ने स्नान किया था और रविवार रात्रि 12 बजे से सोमवार सुबह सात तक एक करोड़ से अधिक लोग स्नान कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि सोमवती अमावस्या होने की वजह से स्नान के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु रात से ही मेला क्षेत्र में डटे हुए हैं।
अधिकारी ने बताया कि शाम तक 3-4 करोड़ लोगों के स्नान करने की उम्मीद है। मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) पर बड़ी संख्या में लोगों के आने की उम्मीद होने के मद्देनजर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। अपर पुलिस महानिदेशक एस।एन। साबत ने कहा, 'मकर संक्रांति के स्नान की तुलना में हमने सुरक्षा बलों की संख्या बढ़ा दी है। आपात स्थिति से निपटने का भी अभ्यास किया गया है। साथ ही रेलवे की निगरानी व्यवस्था और मेले की निगरानी व्यवस्था के बीच सामंजस्य स्थापित किया गया है।' आईजी (कुंभ मेला) के।पी। सिंह ने बताया था, 'सभी महत्वपूर्ण मार्गों पर अर्द्धसैनिक बल तैनात किए हैं।' प्रयागराज के मंडलायुक्त आशीष गोयल ने कहा, 'हमने भीड़ नियंत्रण, सफाई व्यवस्था, चिकित्सा व्यवस्था के लिए संबंधित विभागों के साथ बैठक की है। मैंने आईजी और एडीजी के साथ नगर का हवाई सर्वेक्षण करके स्थिति का जायजा लिया है। सभी जगह स्थिति नियंत्रण में है।'
मौनी अमावस्या 2019 का महत्व
माघ माह की इस अमावस्या में गंगा स्नान बहुत महत्व है। मान्यता है कि इस दिन गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों में देवताओं का निवास होता है। इसीलिए इस दिन प्रयागराज में मौजूद त्रिवेणी संगम में स्नान का महत्व बहुत बढ़ जाता है। खासकर कुंभ (Kumbh 2019) के दौरान मौनी अमावस्या के दिन लाखों की संख्या में तीर्थयात्री आते हैं। कुंभ के दौरान सोमवार के दिन पड़ने वाले शाही स्नान बेहद ही शुभ माने जाते हैं। इसके साथ ही यह भी मान्यता है कि पूरे मन से इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाए तो आयु लंबी होती है।
मौनी अमावस्या 2019 की पूजा-विधि
- सबसे पहले गंगा में स्नान करें। घर में हो तो पानी में गंगाजल डालकर स्नान करें।
- विष्णु जी का ध्यान करें और व्रत का संकल्प लें।
- विष्णु जी की रोज़ाना की तरह पूजा कर तुलसी की 108 बार परिक्रमा लें।
- पूजा के बाद दान दें। अन्न, वस्त्र या धन को दान में दें।
- सुबह स्नान से ही मौन रहें।
- इस मंत्र का जाप करते रहें।
गंगे च यमुने चैव गोदावरि सरस्वति। नर्मदे सिन्धु कावेरि जलऽस्मिन्सन्निधिं कुरु।।
मौनी अमावस्या 2019 के दिन क्यों रहा जाता है मौन
मान्यता है कि मन को शांत रखने के लिए माघ महीने की इस अमावस्या के दिन मौन रहा जाता है। ठीक उसी प्रकार जैसे लोग भगवान को शांत रहकर याद करते हैं। ऐसा करने से मन शांत रहता है और बुरे ख्याल दूर रहते हैं। अगर कोई व्यक्ति शांत ना रह पाए तो इस दिन किसी को बुरा-भला ना बोले, इस परिस्थिती में भी यह व्रत पूरा माना जाता है।