आपके बोलने का तरीका दर्शाता हैं व्यक्तित्व, जानें कैसे लगाए इसका पता
By: Ankur Mundra Tue, 23 Feb 2021 09:51:36
ज्योतिष की शाखा सामुद्रिक शास्त्र में व्यक्ति की शारीरिक संरचना और हावभाव से उसके स्वभाव का पता लगाने से जुड़ी जानकारी बताई गई हैं। प्राचीन समय से ही यह विद्या जारी हैं। आज इस कड़ी में हम आपको व्यक्ति के बोलने के तरीके से उसके स्वभाव के पहचान करने से जुड़ी जानकारी के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं। जी हां, व्यक्ति के बोलने से उसके स्वभाव के बारे में आसानी से जाना जा सकता हैं। तो आइये जानते हैं बोलने के तरीके से व्यक्ति के स्वभाव के बारे में।
बहुत जल्दी-जल्दी स्पष्ट न बोलने वाले
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार जो लोग बहुत तेजी से जल्दी-जल्दी बोलते हैं और अपनी कोई भी बात स्पष्ट लहजे में बात नहीं करते है, ऐसे लोग अपने मन में न ही कुछ छिपाकर रख पाते हैं और न ही कोई बात स्पष्ट रूप से कहना चाहते हैं। ऐसे में भ्रम की स्थिति उतपन्न हो सकती है। वे विश्वास के पात्र नहीं होते हैं। इनपर पूरी तरह आंखमूंदकर विश्वास नहीं करना चाहिए।
अपेक्षाकृत ऊंचे स्वर में बोलने वाले
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार जो लोग दूसरों की अपेक्षा ऊंचे स्वर में बात करते हैं, और उनकी आवाज अपेक्षाकृत तेज होती है। ऐसे लोगों का स्वाभाव हठी होता है। ये लोग जिद्दी किस्म के होने के साथ अपनी राय दूसरों पर थोपना पसंद करते हैं। ये लोग दूसरों का ध्यान अपनी और आकर्षित करना चाहते हैं।
कर्कशतापूर्ण बोलने वाले बोलते वाले
जो लोग हमेशा कर्कशतापूर्ण बोलते हैं और बोलते समय उनके शब्द टूटे हुए से लगते हैं, तो ऐसे लोग झगड़ालू प्रवृति के होते हैं। कर्कश वाणी बोलने का कारण व्यक्ति के अंदर छिपी पीड़ा भी होती है।
दहाड़ कर बोलने वाले
जिन लोगों की आवाज आराम से बात करते हुए भी दहाड़ती और घुर्राने जैसी प्रतीत होती है, ऐसे लोगों के बारे में सामुद्रिक शास्त्र कहता है कि ये लोग गंभीर और संयमी स्वाभाव के होते हैं। ऐसे लोग गहन अध्ययन करना पसंद करते हैं। इसी कारण ये लोग विद्वान होते हैं।
गंभीर रूप से बात करने वाले
जिन लोगों की आवाज में बात करते समय गंभीरता और संतुलन झलकता है वे लोग अपने कार्यों और कर्तव्यों को लेकर जिम्मेदार होते हैं। ये लोग अपने कार्यों को व्यवस्थित तरीके से करते हैं और समाज के हित में भी कार्य करने में विश्वास करते हैं।
सामान्य से तेज आवाज में बोलने वाली स्त्री
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार जिस स्त्री की आवाज सामान्य से काफी तेज होती है तो ऐसी स्त्री में अहंकार की भावना होती है लेकिन इसके साथ ही इनमें अनुशासन और नेर्त्वक क्षमता भी बहुत अच्छी होती है। ये अपने परिवार को भी नियंत्रण और अनुशासन में रखती हैं। बात इनके कार्यों की जाए तो ये उच्च प्रशासनिक पदों पर आसीन होती हैं।
बहुत ही धीमे दबे हुए स्वर में बोलने वाले
जो लोग बहुत ही धीमे और दबे हुए स्वर में बोलते हैं और अपनी बात स्पष्ट रूप से नहीं रखते हैं, ऐसे लोगों में कहीं न कहीं आत्मविश्वास और बुद्धि की कमी होती है। सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार ऐसे लोग कमजोर इच्छाशक्ति और धूर्त स्वाभाव के होते हैं।
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