वास्तु के अनुसार कैसा रखें घर का फर्श, आइये जानें
By: Ankur Thu, 20 Feb 2020 07:50:31
वास्तु में घर से जुड़ी हर चीज का अपना विशेष महत्व बताया गया हैं और इससे जुड़ी ऊर्जा आपने जीवन पर भी असर डालती हैं। ऐसा ही कुछ असर होता हैं घर की फर्श का जिसका भी वास्तु में बड़ा महत्व होता हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं फर्श से जुड़े वास्तु के उन नियमों के बारे में। तो आइये जानते हैं।
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- हर रूम के लिए अलग-अलग रंगों का सुंदर सा करपेट लाएं और उसे बिछाएं। उस कारपेट की प्रतिदिन अच्छे से साफ रखें।
- सप्ताह में एक बार समुद्री नमक को पानी में घोलकर फर्श पर उसका पोछा लगाएं। इससे घर की नकारात्मक ऊर्जा बाहर हो जाएगी।
- घर के प्रत्येक रूम के मध्य में मांडना मांडे। घर के द्वार के बाहर रंगोली बनाए। रंगोली या मांडना हमारी प्राचीन सभ्यता एवं संस्कृति की समृद्धि के प्रतीक हैं। इससे घर परिवार में मंगल रहता है।
- आपके घर में किसी कमरे, किचन या अन्य किसी स्थान की टाइल्स टूटी हुई है तो उसे जल्दी ठीक कराना चाहिए, क्योंकि टूटी टाइल भी वास्तुशास्त्र के हिसाब से ठीक नहीं मानी जाती।
- हल्के पीले या सफेद रंग के संगमरमर का उपयोग श्रेष्ठ माना जाता है। संगमरमर नहीं लगा रहे हैं तो पीले, लाल, गेरुएं रंग की सेरेमिक, विनाइल और वुडन टाइल्स भी श्रेष्ठ है। कोटा स्टोन गर्मियों के लिए फायदेमंद है लेकिन ठंड और बारिश में यह नुकसानदायक ही सिद्ध होगा। इसी तरह टाइल्स भी सोच-समझकर ही लगाएं।
- फर्श का रंग भी किसी वास्तुशास्त्र से पूछकर ही तय करें। किसी भी दिशा में गलत रंग के पत्थर का फर्श ना बनवाए। उत्तर में काले, उत्तर-पूर्व में आसमानी, पूर्व में गहरे हरे, आग्नेय में बैंगनी, दक्षिण में लाल, नैऋत्य में गुलाबी, पश्चिम में सफेद और वायव्य में ग्रे रंग के फर्श होना चाहिए। यदि आप अलग अलग रंक के पत्थर नहीं लगवाना चाहते हैं तो आप सभी कमरों में गहरे हरे या फिर पीले रंग का फर्श लगवा सकते हैं, पीले में पिताम्बर उत्तम है।